पंजाब

चरणजीत सिंह चन्नी: अचानक आए और छाए, अब सियासी तस्वीर से गायब हैं कांग्रेस के दलित पोस्टर बॉय

चंडीगढ़: पंजाब में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के अंदर खींचतान चल रही थी। अचानक राज्य में नेतृत्व बदलाव का फैसला लिया गया और पार्टी का दलित चेहरा चरणजीत सिंह चन्नी अचानक राजनीतिक गलियारों में छा गए। कैप्टन अमरिंदर सिंह की गद्दी उन्हें सौंपी गई और दलित वोट के मामले में पार्टी को नई उम्मीद मिली। हालांकि, विधानसभा चुनाव के परिणामों की घोषणा के बाद हालात एकदम बदल गए। मीडिया, मंचों और मीटिंग में छाए रहने वाले चन्नी सियासी तस्वीर से पूरी तरह गायब हैं।

10 मार्च को जारी हुए परिणामों में कांग्रेस को 117 में से महज 18 सीटें ही मिल सकी। वहीं, 2017 में दूसरे नंबर की पार्टी ने 2022 में राज्य में 92 सीटों अपने नाम कर शानदार जीत हासिल की। इधर, तब सीएम रहे चन्नी चमकौर साहिब और भदौड़ से दोनों सीटें गंवा बैठे। चमकौर साहिब उनका मजबूत गढ़ माना जाता रहा है। बहरहाल, राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित को इस्तीफा देने के बाद चन्नी कहीं नजर नहीं आए। हालांकि, वे नए सीएम भगवंत मान को बधाई देने पहुंचे थे।

चुनाव के नतीजों के बाद उनका ट्विटर हैंडल भी शांत है। उन्होंने होली और होला मोहल्ला की बधाई को लेकर तब से केवल दो ही ट्वीट किए हैं। पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू लगातार विधायकों के साथ बैठकें कर रहे हैं, लेकिन चन्नी यहां भी मौजूद नहीं है। इधर, सिद्धू भी अमृतसर पूर्व सीट से हार गए थे। पंजाब कांग्रेस की कमान संभाल चुके सुनील जाखड़ ने एक बार फिर उस झगड़े को जन्म दिया था, जो पार्टी में चन्नी के उभरने का कारण बना था। पार्टी की वरिष्ठ नेता अंबिका सोनी ने कहा था कि सीएम केवल सिख हो सकता है। माना जाता है कि इसके बाद से ही जाखड़ के उपस्थिति कमजोर पड़ गई थी। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ने सोनी पर हाईकमान को धोखा देने के आरोप लगाए थे और चन्नी को ‘दायित्व’ बताया था।

चुनाव परिणाम के बाद इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में जाखड़ ने कहा था, ‘भगवान का शुक्र है कि उन्हें (चन्नी) CWC में PBI महिला की तरफ से राष्ट्रीय संपत्ति घोषित नहीं किया, जिन्होंने पहली बार उन्हें सीएम बनाए जाने का प्रस्ताव दिया था।’ जाखड़ का कहना है कि अगर कैप्टन को सीएम पद से नहीं हटाया जाता, तो पार्टी का प्रदर्शन बेहतर हो सकता था। चुनाव में हार के बाद कई और नेता भी चन्नी के भतीजे के खिलाफ हुई प्रवर्तन निदेशालय की रेड पर बात करते हुए नजर आए। ईडी को जांच में कथित तौर पर 10 करोड़ रुपये बरामद हुए थे। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, कई लोगों का मानना है कि इस रेड ने चन्नी को ‘असली आम आदमी’ दिखाने की कांग्रेस की कोशिशों को नुकसान पहुंचाया है।

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