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पति को गुजारा भत्ता देगी पत्नी.., बॉम्बे हाई कोर्ट ने दिया आदेश

मुंबई: पति-पत्नी के बीच तलाक के बाद ज्यादातर मामलों में पति को ही पत्नी को गुजारा भत्ता देना पड़ता है, मगर महाराष्ट्र में एक ऐसा मामला प्रकाश में आया है, जहां कोर्ट ने एक पत्नी को अपने पूर्व पति को गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया है। दरअसल, हाल ही में महाराष्ट्र के नांदेड़ में एक मामला प्रकाश में आया है, जिसमें स्थानीय अदालत ने महिला को अपने पूर्व पति को प्रति माह 3,000 रुपये गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया था। अब उस फैसले को बॉम्बे उच्च न्यायालय ने भी बरकरार रखा है।

इसके साथ ही हाई कोर्ट ने पति की खराब आर्थिक स्थिति को देखते हुए महिला के स्कूल को भी निर्देश दिया कि वह प्रति माह महिला की सैलरी से पांच हजार रुपये काट कर उसे अदालत में जमा करवाए। बता दें कि पति-पत्नी के बीच यह तलाक 23 साल बाद 2015 में हुआ और पत्नी एक यूनिवर्सिटी में टीचर है। पति ने कोर्ट में दलील दी कि पत्नी को पढ़ाने के लिए उसने बहुत पैसे खर्च किए और घर से संबंधित कई चीजों से कंप्रोमाइज किया। पति ने कहा कि उसे स्वास्थ्य संबंधी कईं समस्याएं है, जिसके चलते उसकी सेहत ठीक नहीं रहती। जबकि उसकी पत्नी 30 हजार रुपये प्रति माह कमाती है। इसलिए मुझे गुजारा भत्ता की सख्त जरूरत है।

इस दंपत्ति ने 1992 में शादी किया था और 2015 में पत्नी द्वारा क्रूरता का आरोप लगाते हुए कोर्ट का दरवाजा रुख करने के बाद उनका तलाक हो गया। उसके बाद पति ने 15,000 रुपए प्रति माह गुजारा भत्ता की मांग करते हुए एक याचिका दाखिल की थी और दावा किया था कि उसके पास आमदनी का कोई स्रोत नहीं है। वहीं, पत्नी की दलील थी कि पति की किराने की दुकान थी और वह अपने ऑटो-रिक्शा को किराए पर देकर भी कमाता है, जबकि उसे अपनी बेटी की भी देखरेख करनी होती है। इसलिए पति द्वारा किए गए गुजारा भत्ता के मांग को खारिज किया जाना चाहिए। लेकिन कोर्ट ने पत्नी की दलील ख़ारिज करते हुए उसे अपने पूर्व पति को 5 हज़ार रुपए गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया है।

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