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नींद में व्यक्ति क्यों बड़बडाने लगता हैं,हकीकत जानकर आपको होगी हैरानी…

आपने अपने घर में या आसपास किसी जाननेवाले की नींद में बड़बड़ाने की आदत के बारे में जरूर सुना होगा। आम धारणा है कि नींद में अक्सर सपने देखते हुए लोग बड़बड़ाने लगते हैं। आपने कभी सोचा है कि लोग नींद में क्यों बड़बड़ाते हैं या कुछ भी बातें करने लगते हैं? दरअसल इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। आपको जानकर हैरानी हो सकती है, बीमारी तो नहीं, लेकिन इसे स्लीपिंग डिसऑर्डर कहा जा सकता है। यह एक प्रकार का पैरासेमनिया है, जिसका मतलब है- सोते समय असामान्य या अस्वाभाविक व्यवहार करना।

नींद में व्यक्ति क्यों बड़बडाने लगता हैं

नींद में बड़बड़ाने की आदत को बीमारी नहीं माना जाता है, लेकिन इसे सामान्य भी नहीं कहा जा सकता। नींद में बड़बड़ाने वाला व्यक्ति एक बार में 30 सेकेंड से ज्यादा नहीं बोलता और कुछ देर बोलने के बाद चुप हो जाता है। ऐसा कुछ स्थितियों में होता है। एक रिसर्च के मुताबिक तीन से 10 साल के लगभग आधे से ज्यादा बच्चे अपनी बातें नींद में पूरी करते हैं। वहीं पांच फीसदी बड़े लोगों में भी यह समस्या होती है। लड़कों की तुलना में लड़कियों में इसकी ज्यादा संभावना होती हैं।

नींद में बड़बड़ाने का कारण-नींद में बड़बड़ाने के पीछे आखिर कौन से कारण होते हैं। अमर उजाला के साथ बातचीत में डॉ. प्रवीण सिन्हा ने बताया कि इसके पीछे सबसे बड़ी वजह तनाव है। अगर कोई लगातार तनाव से गुजर रहा हो तो उसके साथ यह समस्या होती है। इसलिए हमें खुद को पर्याप्त नींद और आराम देना चाहिए। शरीर के साथ मन को भी आराम चाहिए होता है। लंबे समय से तनाव की स्थिति में कहीं घूमकर आना कारगर साबित होता है।

आरईएम स्लीप बिहैवियर डिसऑर्डर –कुछ लोगों में सोते हुए हाथ-पैर चलाने और चीखने चिल्लाने की आदत होती है। बॉलीवुड फिल्म चेन्नई एक्सप्रेस में दीपिका पादुकोण को यही आदत होती है। ऐसी आदतें निद्रारोग (डिमेंशिया) या पार्किंसन जैसी बीमारी के लक्षण हैं। इस बीमारी को ‘आरईएम स्लीप बिहैवियर डिसआर्डर’ कहा जाता है। आरईएम यानी नींद का वो चरण, जहां नींद में या सपने जो चल रहा हो, उसे सच समझने लगते हैं।

क्या है उपाय-आरईएम के अलावा, दवाओं के साइडइफेक्ट, तनाव आदि के कारण भी यह समस्या होती है।इससे बचने के लिए समय से सोना और तनाव से दूर रहना चाहिए। कई बार ब्लड सर्कुलेशन यानी रक्तसंचार नियमित न रहने के कारण ऐसा होता है। इसलिए इसे ठीक रखने के लिए योग, ध्यान और व्यायाम करना चाहिए।

हमारे मन को शांत रखने के लिए और तनाव दूर करने के लिए संगीत बेहतर उपाय है। सोने से पहले अपने पसंद के गाने सुनना फायदेमंद रहेगा। इससे आपको अच्छी नींद आएगी। नींद में बड़बड़ाने की आदत अगर गंभीर स्थिति हो तो नजरअंदाज करना हानिकारक हो सकता है। अगर आप अक्सर ऐसी समस्या से जूझ रहे तो आपको साइकोथैरेपिस्ट से मिलना चाहिए। डॉक्टर की सलाह और ट्रीटमेंट लेनी चाहिए।

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