पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ) को गैंगस्टरों का पूरी तरह से सफाया करने का निर्देश दिया है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि एजीटीएफ को जरूरी मानवीय संसाधन, अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी, वाहन और जरूरी फंड के साथ सशक्त किया जाएगा। गैंगस्टरों पर लगाम कसने के मकसद से मुख्यमंत्री मान ने चार दिन पहले एजीटीएफ के गठन का एलान किया था। पंजाब पुलिस के एडीजीपी प्रमोद बान को एजीटीएफ का मुखिया नियुक्त किया गया है। उधर, सीएम भगवंत मान ने सभी सरकारी दफ्तरों में लोगों को मोबाइल ले जाने की अनुमति दी है।
शुक्रवार दोपहर मुख्यमंत्री आवास पर डीजीपी वीके भावरा के नेतृत्व में नवगठित एजीटीएफ टीम के साथ मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए भगवंत मान ने राज्य से गैंगस्टर के खात्मे के लिए सरकार की वचनबद्धता को दोहराया। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वह बिना किसी डर या पक्षपात के पूरी ईमानदारी और पेशेवर वचनबद्धता के साथ अपनी ड्यूटी निभाएं। बैठक में मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव ए. वेणु प्रसाद, प्रमुख सचिव अनुराग वर्मा, डीजीपी वीके भावरा, एडीजीपी (एजीटीएफ) प्रमोद बान, एआईजी (एजीटीएफ) गुरमीत सिंह चौहान, डीआईजी (एजीटीएफ) गुरप्रीत सिंह भुल्लर और डीएसपी (एजीटीएफ) बिक्रमजीत सिंह बराड़ उपस्थित रहे।
पुलिस व एसएसओसी की सेवाएं लेने को अधिकृत किया
मुख्यमंत्री मान ने एजीटीएफ को राज्य भर के 361 पुलिस थानों की तरफ से दी जाने वाली सेवाओं के अलावा मोहाली, अमृतसर और फाजिल्का में स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सेल (एसएसओसी) की सेवाओं का इस्तेमाल करने के लिए भी अधिकृत किया।
उन्होंने एजीटीएफ के प्रमुख को एक हफ्ते में इस फोर्स की भूमिका, कार्यों और जिम्मेदारियों को प्रभावी ढंग से निर्धारित करने के लिए स्टैंडिंग आर्डर (एसओ) तैयार करने को भी कहा। साथ ही भगवंत मान ने गैंगस्टरों की तरफ से बड़े स्तर पर फैलाई दहशत को रोकने के लिए तालमेल और प्रभावी कार्रवाई के लिए अंतरराज्यीय तालमेल तेज करने पर भी जोर दिया।