…आग की लपटों में खाक हो गईं चार जिंदगियां
साड़ी कारखाने में लगी आग में पिता-पुत्र समेत 4 जिंदा जले
मृतकों में बिहार के अररिया के निवासी दो कामगार शामिल
पीड़ित परिवारों को चार-चार लाख मुआवजा देने की घोषणा
वाराणसी : शहर के कमच्छा स्थित अशफाक नगर कॉलोनी में गुरुवार को दोपहर बाद साड़ी गोदाम में आग लगने से पिता-पुत्र समेत चार लोग जिंदा जल गए। आग लगने की जानकारी होने के बाद पास-पड़ोस में हड़कंप मच गया। इस दौरान जो जहां था, वहीं से आग पर काबू पाने में जुट गया। दमकल कर्मियों के पहुंचने पहले ही मोहल्ले के लोगों ने आग पर काबू पाया। आग सिलेंडर से लगी या शार्ट सर्किट के चलते इसकी जांच फोरेंसिक टीम कर रही है। मौके पर पहुंचे जिलाधिकारी ने पीड़ित परिवारों को चार-चार लाख मुआवजा देने की घोषणा की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस हादसे पर शोक जताया है। मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को चार लाख रुपए राहत राशि देने के निर्देश भी जारी किए हैं। पड़ोसियों के अनुसार कारखाने में खाना बनाते समय संभवतः आग लगने की वजह से हादसा हुआ और आग लगने के साथ ही लपटें तेज हो गईं। दहशत में आस पड़ोस के लोग भी बाहर निकल आए और राहत व बचाव कार्य शुरू किया गया। वहीं हादसे की जानकारी होने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने भी स्थानीय लोगों के सहयोग से आग पर काबू पाया। वहीं स्थानीय लोग दबी जुबान में कुछ लोगों द्वारा हादसे को दबाने के लिए शवों को छिपाने का भी आरोप लगा रहे हैं।
बता दें, मो. आरिफ जमाल का परिवार साड़ी में पॉलिश आदि का काम करता है। घर से कुछ दूरी पर स्थित अशफाक नगर कॉलोनी में सिराज के दो मंजिला मकान के भूतल पर बने एक हॉल को आरिफ ने किराया पर लेकर उसमें साड़ी का गोदाम बना रखा है। क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि कारखाने में कुछ कामगार रहकर भोजन बना रहे थे। इस दौरान वहां रखी सामग्री में आग लग गई। कमरे में धुआं भर गया, दूसरा दरवाजा नहीं खुलने से गोदाम में मौजूद आरिफ जमाल (45) व उसका बेटा मो. शाबान (22) और बिहार के अररिया निवासी दो मजदूर एजाज (18) और मुंतशिर (19) की झुलसने व दम घुटने से दर्दनाक मौत हो गई। आग की वजह संभवतः सिलेंडर या बिजली के तारों में आग लगना बताया जा रहा है। क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि आग लगने की जानकारी होने के बाद मोहल्ले वालों ने सूचना फायर ब्रिगेड को दी और संकरी गली स्थित कारखाने के कमरे में किसी तरह पानी डाल कर भीषण आग पर काबू पाया। आग बुझाने के बाद गैस सिलेंडर को बाहर सुरक्षित निकाल लिया गया। जबकि आग में घिरे चारों व्यक्तियों की दुःखद मृत्यु कमरे के अंदर ही आग बुझने से पहले ही हो चुकी थी। आग की जद में आए सभी लोगों का शव बुरी तरह झुलसा हुआ बरामद किया गया।
घटनास्थल पर पहुंचे जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने मृतक परिवारों को मुख्यमंत्री राहत कोष से चार-चार लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की। डीसीपी काशी आरएस गौतम, एडीसीपी राजेश पांडेय ने फोरेंसिक टीम संग छानबीन के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस के मुताबिक साड़ी फिनिशिंग के 12ग्10 फुट के कमरे में साड़ी के साथ ही फोम और फिनिशिंग सामग्री रखी हुई थी। सभी सामग्री सिंथेटिक होने की वजह से आग कमरे में काफी तेजी से फैल गयी और आग रोकने के प्रयास में चारों लोग बाहर निकल ही नहीं पाए और इस दुखद हादसे में मदनपुर के 45 वर्ष के एक व्यक्ति और उनका 22 वर्ष का पुत्र, अररिया बिहार के रहने वाले 18 वर्ष और 17 वर्ष के दो साड़ी का काम करने वाले कामगार युवकों की मौत हो गई। जलकर उनकी मृत्यु हो गई। इस घटना में स्थानीय लोगों के अनुसार लोगों ने चारों की लाश को छिपा दिया था। किसी ने फोन से पुलिस को सूचना दी तो पुलिस मौके पर पहुंची। जांच के दौरान पुलिस को लाश बगल वाले कमरे में मिली। पुलिस साड़ी के घसीटने के निशान से बगल वाले कमरे में पहुंची तो पूरा प्रकरण सामने आया। आसपास के लोगों ने इस घटना को भरपूर दबाने की कोशिश की तो पुलिस अब कई अन्य आरोपितों पर मुकदमा दर्ज करने के मूड में है।