गुजरात में चल रहा पंजाब और उत्तराखंड का रीटेक, हार्दिक पटेल छोड़ सकते है कांग्रेस!
नई दिल्ली: देश में कभी राज करने वाली कांग्रेस पार्टी का नाम व सियासत में रूतबा आज अलोप होने की कगार पर है। पार्टी के कई लीडर ताश के पत्तों की तरह बिखर चुके है। वहीं गुजरात चुनाव से पहले कांगेस में खलबली मची हुई है। कांग्रेस गुजरात इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल कह चुके हैं कि प्रदेश नेतृत्व उन्हें परेशान कर रहा है। राज्य के कांग्रेस नेता चाहते हैं कि वह पार्टी छोड़ दें। यहां तक राहुल गांधी से शिकायत का भी कोई फायदा नहीं हुआ है। इस तरह पटेल ने गुजरात विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले खुलकर बगावत कर दी है। तीन साल पहले पाटीदार नेता हार्दिक पटेल कांग्रेस में शामिल हुए थे। उनके पीछे दलित आंदोलन से उभरे जिग्नेश मेवाणी और जेएनयू स्टूडेंट पॉलिटिक्स से निकले कन्हैया कुमार भी आए थे। मेवाणी तकनीकी कारणों से कांग्रेस में शामिल नहीं हो पाए थे। लेकिन, कहा था कि वो आगामी चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर खड़े होंगे।
वहीं, जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष और सीपीआई नेता रहे कन्हैया कुमार ने कांग्रेस ज्वाइन की थी। गुजरात चुनाव से पहले हार्दिक ने कांग्रेस छोड़ी तो यह पार्टी के लिए बड़ा झटका होगा। वैसे भी पिछले कुछ समय में यंग ब्रिगेड को साथ बनाए रखने का पार्टी का रिकॉर्ड काफी खराब रहा है। पार्टी के दिग्गज नेताओं का समूह जी-23 भी आलाकमान से नाराजगी जाहिर करता रहा है। पंजाब का चुनाव इसका उदाहरण है। यहां अपनी अच्छी खासी स्थिति को पार्टी ने चुनाव से कुछ महीने पहले ऐसा बिगाड़ा कि राज्य तो हाथ से गया ही गया आने वाले समय में उसकी वापसी की राह भी बहुत मुश्किल हो गई है।
गुजरात में इस साल नवंबर-दिसंबर में विधानसभा चुनाव होने वाले है। कांग्रेस 27 सालों से गुजरात की सत्ता से बाहर है। आम आदमी पार्टी ने राज्य में उलटफेर करने के लिए पूरा दमखम झोंक दिया है। हार्दिक पटेल ने साइडलाइन किए जाने की बात कहकर साफ कर दिया है कि कांग्रेस में उनके दिन अब गिनेचुने हैं। इस बीच कांग्रेस में पाटीदार नेता नरेश पटेल की एंट्री की भी खूब चर्चा है। इस पूरे गुणा-गणित का असर आगामी चुनाव पर पड़ना तय है। फिलहाल राज्य में बीजेपी की स्थिति 2017 के मुकाबले काफी मजबूत दिखती है। तब जीएसटी के आने से व्यापारी समाज नाराज था।