नैनीताल: उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने प्रदेश के सरकारी उच्च शिक्षण संस्थानों में रैगिंग के खिलाफ दायर जनहित की सुनवाई करते हुए बुधवार को सरकार को देहरादून के ज्योलिग्रांट स्थित हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में रैगिंग प्रकरण की जांच कर दो सप्ताह में रिपोर्ट देने को कहा।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा तथा न्यायमूर्ति आर.सी. खुल्बे की युगलपीठ में मामले की सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता सचिदानंद डबराल की ओर से अदालत को बताया गया कि उच्च शिक्षण संस्थानों में उच्चतम न्यायालय तथा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के दिशा निर्देशों के बावजूद लगातार रैगिंग के मामले सामने आते जा रहे हैं।
हल्द्वानी के सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज के अलावा श्रीनगर मेडिकल कालेज, दून मेडिकल कॉलेज तथा पंतनगर स्थित पं. गोविंद वल्लभ पंत कृषि एवं प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय में भी रैगिंग के गंभीर प्रकरण सामने आये हैं। उच्च शिक्षण संस्थानों में रैगिंग जैसे प्रकरणों पर रोक नहीं लग रही है। संस्थान रैगिंग रोकने में विफल साबित हो रहे हैं। रैगिंग रोकने के लिये पहले कोई कदम नहीं उठाये जा रहे हैं और रैगिंग होने के बाद संस्थानों की ओर से लकीर पीटी जाती है।