जयपुर । मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर जनहित में जल जीवन मिशन को पूरा करने की समय सीमा 31 मार्च, 2026 तक बढ़ाए जाने का अनुरोध किया है। गहलोत ने कहा कि मिशन के शुरूआती दिनों में मार्च 2020 से जुलाई 2020 तक कोविड-19 महामारी के चलते लॉकडाउन के कारण जल जीवन मिशन की गति काफी धीमी रही। इसके बाद वर्ष 2021 में भी कोविडजन्य परिस्थितियों के कारण मार्च 2021 से जुलाई 2021 तक मिशन के कार्य आंशिक रूप से बाधित रहे।
मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा है कि पूरे देश में चल रहे मिशन के कार्यों के कारण परियोजना के घटकों की मांग में काफी वृद्धि हुई है। विशेष रूप से स्टील, डीआई एवं एचडीपीई पाइपों की मांग तेजी से बढ़ी है। इसके परिणामस्वरूप घटकों की आपूर्ति में अस्थिरता आई है, इस कारण से भी जल जीवन मिशन की परियोजनाओं की प्रगति धीमी हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि राजस्थान क्षेत्रफल की दृष्टि से देश में सबसे बड़ा राज्य है और यहां की अतिविषम भौगोलिक परिस्थिति एवं छितराई हुई बसावट है। प्रदेश का दो-तिहाई हिस्सा मरूस्थलीय है तथा दक्षिण में पहाड़ी क्षेत्र है। ऎसे कठिन इलाकों के लिए परियोजनाओं की समय-सीमा पूर्व में 30 से 48 माह थी, परन्तु अब इसे घटाकर 12 से 24 माह कर दिया गया है। इस कारण लक्ष्य को हासिल करना और भी चुनौतीपूर्ण हो गया है।
गहलोत ने पत्र के माध्यम से अवगत कराया है कि बारां, झालावाड़ एवं कोटा की परवन अकावद जलापूर्ति परियोजना, बाड़मेर जिले में नर्मदा नहर आधारित परियोजना के लिए राजस्थान ग्रामीण जलापूर्ति और फ्लोरोसिस शमन परियोजना (चरण-द्वितीय), झुन्झुनूं जिले के आईजीएमसी आधारित (सीपी-प्रथम) सूरजगढ़ और उदयपुरवाटी को नल द्वारा जल उपलब्ध करवाने हेतु योजना, जिला चित्तौड़गढ़ के 648 गांवों को चम्बल नदी से पेयजल आपूर्ति की परियोजना, ईसरदा-दौसा पेयजल जलापूर्ति परियोजना, नौनेरा जलापूर्ति परियोजना, चम्बल नदी से जलापूर्ति योजना जैसी वृहद् परियोजनाओं का कार्य 24 माह में पूर्ण होने की संभावना बहुत कम है।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि रूस तथा यूक्रेन से युद्ध के कारण कई वस्तुओं के दाम में भी अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। इससे कार्यों के क्रियान्वयन में भी कठिनाइयां आ रही है। श्री गहलोत ने इन सब स्थितियों के दृष्टिगत प्रधानमंत्री से जल जीवन मिशन की समय-सीमा को 31 मार्च, 2026 तक बढ़ाए जाने का अनुरोध किया है, ताकि इस मिशन का लाभ प्रत्येक परिवार को मिल सके।