देहरादून: (विवेक ओझा उत्तराखंड संपादक , दस्तक टाइम्स) चार धाम यात्रा देवभूमि उत्तराखंड का ही नहीं बल्कि दुनिया भर की आस्था का बहुत बड़ा केंद्र है। इस धार्मिक यात्रा का आयोजन शांतिपूर्ण और सफल तरीके से हो जाए , इसके लिए कई व्यवस्थायें की जाती हैं। इस वर्ष चार धाम यात्रा के सुरक्षित शांतिपूर्ण और सफल आयोजन के लिए उत्तराखंड सरकार ने विशेष रणनीति तैयार की है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया पर साफ संदेश दे दिया है कि राज्य की शांति में जिन लोगों से अस्थिरता आ सकती है, उनका चारधाम यात्रा में प्रवेश पूरी तरह से वर्जित होगा।
मुख्यमंत्री धामी का कहना है कि “हमारी संस्कृति हमारी पहचान है। इसके बिना हमारा कोई भी अस्तित्व नहीं। चारधाम हमारी संस्कृति के अभिन्न अंग हैं। इसलिए हमारी सरकार पूरी कोशिश करेगी कि जिन लोगों के पास उचित सत्यापन नहीं होंगे या जिनके कारण प्रदेश की शांति व्यवस्था में अस्थिरता आ सकती है। चारधाम यात्रा के दौरान ऐसे व्यक्तियों का प्रवेश राज्य में पूरी तरह से वर्जित होगा।”
वहीं उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने कहा है कि चार धाम यात्रा और देवभूमि की कानून और व्यवस्था को बनाये रखने के उद्देश्य से लोगों के सत्यापन अभियान को चलाया जाएगा । 10 दिनों तक सभी थाना पुलिस अपने-अपने क्षेत्रों में इस अभियान में भाग लेगी। सत्यापन का फोकस इंडस्ट्रियल क्षेत्र, रेहड़ी पटरी वाले इलाके, बाजार आदि में अधिक रहेगा। अभियान की जानकारी हर जिले को रोजाना पुलिस मुख्यालय को देनी होगी।
डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में सत्यापन अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं जिसका मकसद चार धाम यात्रा के मद्देनजर कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने के साथ साथ उत्तराखंड में सामाजिक सौहार्द भी सुनिश्चित करना है और इसीलिए मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर डीजीपी अशोक कुमार की अगुवाई में सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने वालों पर पैनी नजर रखने के लिए ऑपरेशन क्लीन स्वीप चलाये जाने का निर्णय लिया गया है। ऑपरेशन क्लीन स्वीप के तहत जो लोग इस तरह की गतिविधि में सक्रिय पाए जाते हैं तो उन्हें निरुद्ध किया जाएगा।
इसी कड़ीं में उत्तराखंड पुलिस और यातायात निदेशालय ने चार धाम यात्रा और अन्य पर्यटन यात्राओं के मद्देनजर उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों की सुरक्षा और सुविधा के लिए ” टूरिस्ट पुलिस ” की तैनाती का निर्णय लिया है जिसका ध्यान इस बात पर है कि पर्यटकों के हितों की रक्षा हर संभव स्तर पर हो सके , चार धाम यात्रा और अन्य यात्राओं के दौरान कोई उपद्रवी उपद्रव न कर सके , कोई अपराधी किसी अपराध को अंजाम न दे सके , पर्यटक बुनियादी सुविधाओं से वंचित न रह सके , इन सब बातों का ध्यान टूरिस्ट पुलिस द्वारा रखा जाएगा। निश्चित रूप से ऐसा कदम देवभूमि न केवल कानून के शासन को मजबूती देगा बल्कि राज्य की पर्यटन व्यवस्था को मजबूती देने में मील का पत्थर साबित हो सकता है।
उत्तराखंड आने वाले यात्रियों के लिए प्रदेश पुलिस और यातायात निदेशालय ने कुछ महत्वपूर्ण पहल की हैं :
- यात्रियों की सुविधा हेतु उत्तराखण्ड पुलिस की बेबसाईट तथा सोशल मीडिया पेज पर चारधाम यात्रा से सम्बन्धित आवश्यक जानकारी (जैसे ट्रैफिक प्लान, रूट व्यवस्था, बाधित मार्गों व आपदा सम्बन्धी अपडेट आदि) पोस्ट की जायेगी। इसके लिए उत्तराखण्ड पुलिस की वेबसाईट एवं सोशल मीडिया पेज को देखते रहना होगा।
- मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी के निर्देशानुसार चारधाम यात्रा के दृष्टिगत पर्यटन पुलिस कर्मियों हेतु पुलिस लाईन देहरादून में 06 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया। पर्यटन पुलिस के इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में पर्यटन पुलिस के जवानों को अच्छा आचरण, व्यवहार, शिष्टाचार, पर्यटन संबंधी व्यवस्थाओं के बारे में बताते हुए अतिथि देवो भवः भाव से पर्यटकों के साथ विनम्र, शालीन व्यवहार संवाद एवं दक्षता पूर्वक कर्तव्यों का निर्वहन करने का प्रशिक्षण दिया गया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम दिनांक 11 अप्रैल, 2022 से प्रारम्भ हुआ था, जिसमें गढ़वाल परिक्षेत्र के समस्त जनपदों से कुल 89 उप निरीक्षक तथा आरक्षियों ने प्रतिभाग किया।
इसके साथ ही पवित्र चार धाम यात्रा के कुशल संचालन हेतु उत्तराखंड के यातायात निदेशक ( डीआईजी , ट्रैफिक) मुख्तार मोहसीन द्वारा समय समय महत्त्वपूर्ण दिशा निर्देश ट्रैफिक पुलिस को दिए जा रहे हैं। निश्चित रूप से पर्यटकों के मन में सुरक्षा , सुविधा का बेहतर भाव पैदा करना टूरिज़्म इकॉनमी के विकास के लिहाज़ से बहुत जरूरी है। वैसे भी उत्तराखंड इस बात से दो कदम आगे जाकर अतिथि देवो भव की धारणा पर काम करने वाला अग्रणी राज्य है।