कर्ज, किसान और आत्महत्या: अब राजधानी में अन्नदाता ने लगाया मौत को गले
भोपाल. मध्य प्रदेश प्रशासन की लाख कोशिशों के बावजूद एमपी में किसानों की मौत का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है. फसल खराब होने पर कर्ज में डूब चुके एक और किसान ने सोमवार को आत्महत्या कर ली.
जानकारी के मुताबिक, रातीबड़ थाना क्षेत्र के मुगालियाछाप में रहने वाले मनोहर मेवाड़ा ने इस बार अपने खेत में कर्ज लेकर फसल बोई थी. लेकिन पानी की कमी के चलते उसकी फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई.
राहत राशि भी नहीं मिलने से उसके ऊपर कर्जदारों का पैसा लौटाने का दबाव बढ़ने लगा. इस वजह से मनोहर काफी तनाव में रहने लगा था.
परिजनों ने बताया कि मनोहर सुबह किसी काम से बाहर जाने की बात कहकर निकला था. लेकिन फिर घर नहीं लौटा. कुछ घंटों बाद लोगों को पास के ही जंगल में मनोहर की लाश फंदे से लटकी मिली.
इसकी सूचना पुलिस और मृतक के परिजनों को दी गई. पुलिस ने फिलहाल किसान मनोहर के शव को कब्जे में लेकर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. साथ ही पुलिस किसान की मौत की वजह की पुष्टि करने में जुट गई है.
गौरतलब है कि, प्रदेश में इस साल सूखे और बीमारी के प्रकोप के चलते फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है. सरकार के मुआवजे और किसानों की हरसंभव मदद के दावों के बीच किसानों की खुदकुशी के मामले थम नहीं रहे है.
अब तक प्रदेश में 40 से ज्यादा किसान खुदकुशी कर चुके है. सबसे ज्यादा खुदकुशी के मामले बुंदेलखंड इलाके में सामने आए है. यहां 10 से ज्यादा किसान खुदकुशी कर चुके है. इसके अलावा निमाड़ और प्रदेश के अन्य हिस्से में भी किसानों ने फसल बर्बादी से परेशान होकर मौत को गले लगा लिया.