उत्तराखंड

उत्तराखंड में “खेल संस्कृति” के विकास के लिए हुए अहम फैसले

हर व्‍यक्ति के जीवन में खेल और स्वास्थ्य का अमूल्य महत्व है। खेल खेलना टीम भावना पैदा करता है। सामरिक सोच , नेतृत्व कौशल, लक्ष्य निर्धारण और जोखिम लेने का आत्म विश्वास उत्पन्न करता है। एक फिट और स्वस्थ व्यक्ति एक स्‍वस्‍थ समाज और शक्तिशाली राष्ट्र निर्माण का नेतृत्व करता है। इसलिए हमारे देश में खेलो इंडिया , फिट इंडिया जैसे नेशनल कैम्पेन भी चलाये जा रहे हैं। खेल हमारे देश के समग्र विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण घटक है। भारत ने पिछले कुछ वर्षों से खेलों के क्षेत्र में लगातार प्रगति की है। इस ग्‍लोबल मंच पर इस अपार क्षमता को प्रदर्शित करने की आवश्यकता है। इसी कड़ी में देवभूमि उत्तराखंड ने राज्य में खेल संस्कृति के विकास के लिए कुछ अहम फ़ैसले लिए हैं।

हाल ही में उत्तराखंड की खेल मंत्री रेखा आर्य ने राज्य में बाल्यावस्था से ही “खेल छात्रवृत्ति” देने की का निर्णय किया है। अब प्रदेश में आठ वर्ष के छात्रों को खेल छात्रवृत्ति देने की दिशा में योजना बनाई जा रही है। इसके लिए विभागीय अधिकारियों को प्रस्ताव तैयार करने को कहा गया है। निश्चित रूप से प्रदेश की खेल प्रतिभाओं को शुरुआत से ही निखारने और उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए खेल छात्रवृत्ति का प्रस्ताव जल्द तैयार करने के लिए निर्देश देना उत्तराखंड की खेल संस्कृति को विकसित करने की सोच को दर्शाता है।

उत्तराखंड में खेल विश्वविद्यालय खोलने के लिए 100 एकड़ जमीन तलाशने के निर्देश भी खेल मंत्री द्वारा हाल ही में दिए गए हैं । इसके लिए सभी जिलों के जिलाधिकारियों से समन्वय करने की बात की गई है। कुछ ही रोज पहले खेल मंत्री रेखा आर्य ने यमुना कालोनी स्थित कैंप कार्यालय में खेल विभाग की समीक्षा की और कहा कि अधिकारी विभाग की 100 दिन की कार्ययोजना जल्द तैयार करें। 

गौरतलब है कि उत्तराखंड में खेल नीति लागू हुए काफी समय हो चुका है। इसमें उत्कृष्ट खिलाडिय़ों को नौकरी देने के साथ ही आर्थिक प्रोत्साहन का भी प्रावधान किया गया है। खिलाडिय़ों को छात्रवृत्ति देने के साथ ही उन्हें खेल उपकरण देने की भी व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही खेल प्रतिभागियों को बस व ट्रेन में निः शुल्क यात्रा सुविधा देने का भी प्रावधान भी नीति में है। इन सबके लिए अलग-अलग शासनादेश जारी किए जाने हैं, जिन पर अभी तक अमल नहीं हो पाया है। इसे देखते हुए खेल मंत्री ने सभी शासनादेश जल्द जारी करने को कहा है। 

अगर धामी सरकार की नई खेल नीति को देखें तो उसमें प्रावधान किया गया है कि ओलंपिक खेल में स्वर्ण, रजत एवं कांस्य पदक विजेता खिलाड़ी को समूह ख पद (ग्रेड पे-5400) पर नियुक्ति दी जाएगी। जबकि ओलंपिक खेल में प्रतिभाग, विश्व चैंपियनशिप, विश्वकप, एशियन खेल एवं राष्ट्रमंडल खेल के पदक विजेता खिलाड़ी को ग्रेड पे-4600 एवं 4800 के सीधी भर्ती के पदों पर नियुक्ति दी जाएगी।

इसके अलावा मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन योजना के तहत आठ से 14 साल तक के खिलाड़ियों को शारीरिक टेस्ट और दक्षता के आधार पर हर महीने 1500 रुपये प्रोत्साहन राशि दिए जाने का प्रावधान धामी सरकार ने किया है। उत्तराखंड की नई खेल नीति , 2021 में खिलाड़ियों को जरूरी सुविधाएं देने की बात की गई है । प्रदेश के 14 से 23 साल तक के मेधावी खिलाड़ियों को खेल संबंधी जरूरतों के लिए छात्रवृत्ति दी जाएगी। हर साल 2,600 खिलाड़ियों को दो हजार रुपये की छात्रवृत्ति दी जाएगी। प्रदेश में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को परिवहन निगम की बसों में निशुल्क यात्रा की सुविधा दी जाएगी। प्रदेश के खिलाड़ियों को शैक्षणिक, तकनीकी संस्थानों एवं विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए पांच फीसदी खेल कोटा दिया जाएगा। प्रदेश में मुख्यमंत्री खेल विकास निधि की भी स्थापना की जाएगी। इस प्रकार प्रदेश में खेल संस्कृति के विकास के लिए यथासंभव प्रयास किया जा रहा है।

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