भुवनेश्वर। सुप्रीम कोर्ट द्वारा ट्रांसजेंडर को थर्डजेंडर के रूप में मान्यता दिए जाने के डेढ़ साल बाद ओडिशा सरकार की एक अधिकारी ने खुद को थर्डजेंडर के रूप में नई पहचान के लिए शपथपत्र पेश किया है। इस अधिकारी का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से उसे सामाजिक मान्यता भी मिली है। पहले जहां उसे परिजनों, मित्रों यहां तक कि सेना से रिटायर्ड पिता से भी उलाहना मिलती थी, अब उसे सभी स्वीकार कर रहे हैं।
जानकारी के अनुसार 32 वर्षीया रतिकांता प्रधान का चयन पांच साल पहले ओडिशा प्रशासनिक सेवा परीक्षा के जरिए राज्य की वित्तीय सेवाओं के लिए हुआ था। वह पाराद्वीप पोर्ट टाउनशिप में कामर्शियल टैक्स आफीसर के रूप में पदस्थ है। रतिकांता ने अब अपनी नई पहचान के लिए एक्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट के समक्ष शपथ पत्र पेश किया है।
शपथपत्र में उसने खुद को जेंडर की थर्ड कैटेगरी में रखते हुए अपना नाम ऐश्वर्या ऋतुपर्णा प्रधान के रूप में प्रस्तुत किया है। कंधमाल जिले के एक गांव की रहने की रहने वाली रतिकांता ने उम्मीद जताई है कि जल्द ही थर्ड जेंडर के रूप में उसे सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज कर लिया जाएगा।