नई दिल्ली: शाह फैसल कश्मीर की धरती का वह नाम है जिन्होंने 2009 में यूपीएससी परीक्षा में सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया था। लेकिन जम्मू कश्मीर की राजनीति में इतनी दिलचस्पी बढ़ी की आईएस के पद से इस्तीफा देकर कश्मीर में राजनीति में सक्रिय होने का मन बनाया और अपनी इस महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए जम्मू और कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट पार्टी ( जेकेपीएम) बनाई। जम्मू और कश्मीर के विशेष दर्जे को निरस्त करने के तुरंत बाद कड़े सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम के तहत फैसल को हिरासत में लिया गया था। गौरतलब है कि उत्तरी कश्मीर के सुदूरवर्ती गांव लोलाब के रहने वाले फैसल के पिता को 2002 में आतंकवादियों ने मार दिया था।
अब ख़बर यह है कि 2019 में सिविल सेवा का पद छोड़ राजनीति में कदम रखने वाले आईएएस अधिकारी शाह फैसल फिर से अपने पद पर वापस लौटने आए हैं। गृह मंत्रालय ने फैसल का इस्तीफा वापस लेने के आवेदन को स्वीकार कर उन्हें सेवा में बहाल कर दिया है। इसके बाद उनकी अगली नियुक्ति की घोषणा जल्द की जाएगी।
एक साक्षात्कार में, फैसल ने कहा था, ”आईएएस छोड़ने के तुरंत बाद, मुझे एहसास हुआ कि मेरे असंतोष के सहज कार्य को देशद्रोह के कार्य के रूप में देखा जा रहा था। इसने लाभ से अधिक नुकसान किया था और मेरे कार्य ने बहुत से सिविल सेवा प्रतिभागियों को हतोत्साहित किया और मेरे सहयोगियों ने खुद को ठगा हुआ महसूस किया। इसने मुझे बहुत परेशान किया।” फैसल के इन्हीं भावों को देखते हुए आईएएस की नियुक्ति को देखने वाले कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के अलावा सभी जगहों से रिपोर्ट मिलने के बाद, उनके अनुरोध को स्वीकार करने का निर्णय लिया गया और बाद में इस महीने की शुरुआत में उन्हें बहाल कर दिया गया।