नई दिल्ली । भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) सुशील चंद्रा ने शुक्रवार को कहा कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) देश का गौरव हैं, जो सटीक और समय पर परिणाम प्रदान करती हैं, जिससे उनकी विश्वसनीयता कायम है। ईवीएम का इस्तेमाल पहली बार चार दशक पहले पायलट आधार पर किया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि दुनियाभर के कई देश यह जानने के लिए उत्सुक हैं कि भारत समय पर और सही तरीके से चुनाव परिणाम कैसे देता है।
दिल्ली के बख्तावरपुर में नवनिर्मित एकीकृत चुनाव परिसर (आईईसी) का उद्घाटन करने के बाद चंद्रा ने कहा कि अब तक चार संसदीय चुनावों और 37 विधानसभा चुनावों में ईवीएम का इस्तेमाल किया गया है और उन्होंने अपनी सटीकता के कारण अपनी विश्वसनीयता स्थापित की है।
सीईसी ने यह भी कहा कि ईवीएम से छेड़छाड़ नहीं हो सकती, क्योंकि यह बिना किसी फ्रिक्वेंसी के सिंगल चिप प्रोग्राम है, इसलिए हैकिंग का कोई सवाल ही नहीं है। ईवीएम ने सभी चुनावों में अपनी विश्वसनीयता साबित कर दी है और 2019 के आम चुनावों के बाद से शुरू किए गए वीवीपैट ऑडिट ट्रेल ने ईवीएम की विश्वसनीयता को और स्थापित किया है। ईवीएम में डाले गए वोटों और वीवीपैट पर्चियों की गिनती में कोई बेमेल नहीं पाया गया है।
चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडे ने अपने संबोधन में कहा कि चुनाव प्रबंधन में पारदर्शिता, निष्पक्षता और धारणा महत्वपूर्ण है और इस प्रकार किसी भी गड़बड़ी से बचने के लिए ईवीएम के व्यवस्थित भंडारण, रखरखाव और आवाजाही के लिए एसओपी और चेकलिस्ट का पालन करना महत्वपूर्ण है।