दिव्यांगजन को सक्षम बनाने में समाज की भूमिका महत्वपूर्ण- पटेल
भोपाल: राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि दिव्यांगजन को सक्षम बनाने और अन्य लोगों के साथ समान स्तर महसूस कराने में समाज की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। हमारा संविधान संयुक्त समाज पर बल देता है। दिव्यांग समाज का अभिन्न अंग है, उन्हें समाज में सम्मान का पूरा अधिकार है। हम सब का दायित्व है कि दिव्यांग भाई-बहनों और बच्चों की समस्याओं को समझें, उनकी प्रतिभा को पहचानें और उसे निखारने में मदद करें। उन्होंने कहा कि पुनर्वास तथा सामुदायिक भावना के विकास के लिए मनोरंजन, सांस्कृतिक गतिविधियाँ और विभिन्न खेल-कूद के आयोजन बहुत महत्वपूर्ण हैं।
राज्यपाल मंगुभाई पटेल आर.सी.व्ही.पी. नरोन्हा प्रशासन एवं प्रबंधकीय अकादमी में दिग्दर्शिका पुनर्वास और अनुसंधान संस्थान द्वारा आयोजित वार्षिक उत्सव सामर्थ्य 2022 समारोह को संबोधित कर रहे थे। राज्यपाल ने कार्यक्रम में समस्त उपस्थित दर्शकों को खड़ा करवा कर आधे मिनिट तक करतल ध्वनि से ऑडिटोरियम को गुंजायमान कर, दिव्यांग बच्चों की दिव्य और भव्य प्रस्तुति का उत्साहवर्धन किया। दिव्यांग बच्चों ने कला, कौशल और क्षमता का अद्भुत समागम कृष्ण कथा की प्रस्तुति दी। विशेष शिक्षा के बी.एड., एम.एड. पाठ्यक्रमों की छात्राओं ने छत्तीसगढ़ के लोक नृत्य सुआ की प्रस्तुति दी।
राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि शारीरिक और मानसिक सीमाओं से पीड़ितों का पुनर्वास वास्तव में उनकी क्षमताओं के लिए पर्यावरण को अनुकूलित करना है। उन्हें काम पर, घर पर और सार्वजनिक स्थानों पर हर किसी की तरह जीने में सक्षम बनाना है। उनके चिकित्सकीय पुनर्वास के साथ ही सामाजिक पुनर्वास पर भी बल दिया जाना चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा प्रयोग किया जा रहे दिव्यांग शब्द की अपने पारिवारिक अनुभवों के आधार पर सार्थकता बताई। उन्होंने टेलीविजन पर प्रसारित होने वाले गायन प्रतिस्पर्धा के कार्यक्रम में प्रतिभागिता कर रही नेत्र बाधित दिव्यांग बालिका का उल्लेख् किया। बताया कि बच्ची द्वारा टी.वी. पर प्रसारित होने वाले एक अन्य कार्यक्रम के गीतों को सुनकर स्वर की साधना करना, राजभवन में पदस्थ कर्मचारी द्वारा एक बार में ही आवाज सुनकर व्यक्ति को पहचानना उनकी दिव्य क्षमताओं को बताता है।
राज्यपाल ने कार्यक्रम में दिव्यांग नेशनल ओलिम्पिक के स्वर्ण पदक विजेता सुमंत काले और राष्ट्रीय स्वीमिंग में गोल्ड मेडल विजेता 10 वर्षीय बालिका कुमारी मिष्टी आमले को दिव्यांग पुनर्वास प्रयासों में विशिष्ट योगदान के लिये आदित्य सक्सेना दंपत्ती और नकुल मुदगल का सम्मान किया।
बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर.जे. राव ने कहा कि दिव्यांगजन की विभिन्न श्रेणियों के पुनर्वास प्रयासों में विशेष शिक्षा की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है। इस क्षेत्र में शिक्षकों की उपलब्धता को सुनिश्चित करने के लिए विश्वविद्यालय द्वारा विशेष शिक्षा के स्नातक और स्नाकोत्तर पाठ्यक्रमों की व्यवस्था की है।
राज्यपाल का संस्था के चेयरमैन पूर्व मुख्य सचिव शरद चन्द्र बेहार ने स्वागत किया। स्वागत उदबोधन संस्था के संस्थापक सदस्य सुमित राय ने दिया। कार्यपालक निदेशक श्रीमती उषा उपाध्याय ने संस्था की प्रगति, गतिविधियों और उपलब्धियों का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया। आभार प्रदर्शन नि:शक्तजन आयुक्त संदीप रजक ने किया। संचालन अनुज ठाकुर ने किया।