नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में केवल गर्मी ही रिकार्डतोड़ नहीं पड़ रही है, बल्कि हवा में प्रदूषक तत्वों की मात्रा भी बहुत अधिक है। गर्मी का मौसम होने के बाद भी अप्रैल में एक भी दिन मध्यम, संतोषप्रद या अच्छी श्रेणी की हवा दिल्लीवासियों को नहीं मिली है। आलम यह है कि 28 दिन दिल्ली की हवा खराब श्रेणी में दर्ज की गई, जबकि दो दिन बहुत खराब श्रेणी में रही।
जानकारों का मानना है कि गर्मी की जल्द दस्तक, बारिश न होना, बीच-बीच में धूल भरी आंधी आना प्रदूषण का बड़ा कारण है। प्रदूषण के मामले में 2020 में अप्रैल बीते छह वर्षों में सबसे साफ रहा। इसमें 30 में से 16 दिन अच्छी, जबकि 14 दिन मध्यम श्रेणी की हवा मिली थी। बता दें कि बारिश वातावरण में जमे प्रदूषक तत्वों को हटा देती है, किन्तु इस साल मार्च के बाद अप्रैल में भी एक बार भी ठीकठाक बारिश नहीं हुई है। दूसरे उत्तर-पश्चिमी भारत की धूल कई बार आंधी के साथ यहां आई। इसके साथ ही इस साल जलवायु परिवर्तन के असर से भीषण गर्मी भी वक़्त से पहले आ गई। इन सभी कारणों से ही प्रदूषण बढ़ा है।
इस बार अप्रैल में वायु प्रदूषण बढ़ने के चलते बारिश का बिल्कुल न होना और दक्षिणी पश्चिमी हवा के साथ दक्षिण भारत के हिस्सों की धूल आना तो है ही, भीषण गर्मी की दस्तक एक पखवाड़ा पहले ही हो जाना भी रही। इसके साथ ही स्थानीय कारक तो दिल्ली के प्रदूषण में अपनी भूमिका निभाते ही रहे हैं।