ज्ञानवापी प्रकरण पर टिप्पणी कर फंसे प्रो.रविकांत, उठी निलंबन की मांग
एबीवीपी के निशाने पर लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रो. रविकांत
लखनऊ : लखनऊ विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के प्रोफेसर रविकांत ने काशी ज्ञानवापी प्रकरण पर गैर जिम्मेदाराना टिप्पणी कर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद(अभाविप) के निशाने पर आ गये हैं। प्रो.रविकांत ने सोमवार को एक न्यूज चैनल की डिबेट में यह कहा दिया कि काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह के नीचे एक रानी के साथ रेप किया गया था जिसके बाद गुस्से में आकर औरंगजेब ने मंदिर को तोड़ने का आदेश दिया था। प्रो.रविकांत का बयान आने के बाद सोशल मीडिया पर भी उनका विरोध शुरू हो गया है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने लखनऊ विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के प्रोफेसर रविकांत को निलंबित करने की मांग की है। एबीवीपी के प्रान्त संगठन मंत्री अंशुल श्रीवास्तव ने हिन्दुस्थान समाचार से कहा कि हमारी मांग है कि लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन प्रोफेसर रविकांत को निलम्बित करे, अन्यथा छात्र आन्दोलन करने के बाध्य होंगे।
प्रोफेसर रविकांत के क्या हैं बयान
‘लखनऊ विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के प्रोफेसर रविकांत ने एक न्यूज चैनल की डिबेट में कहाकि औरंगजेब जब अपनी लश्कर के साथ जब काशी से गुजर रहा था, तब उसके साथ बहुत सारे हिन्दू राजा और रानियां थी। हिन्दू राजाओं ने इच्छा व्यक्त की कि गंगा स्नान और दर्शन हो जाय। पूजा अर्चना के दौरान एक रानी गुम हो जाती है। जब उसे ढूंढ़ा गया तो वह रानी गर्भगृह के नीचे बने कमरे में नग्न अवस्था में पायी गयी। उसके साथ रेप किया गया। इस घटनाक्रम पर औरंगजेब को गुस्सा आया। औरंगजेब ने कहा कि जब इस तरह का काम यहां होता है तो यहां पर मंदिर होना ही नहीं चाहिए। इसके बाद मंदिर को तोड़ा जाता है। रानी कहती है कि मंदिर फिर से बना दिया जाये। औरंगजेब कहता है कि मंदिर का पुननिर्माण नहीं हो सकता है। इसलिए वह वहां पर रानी की इच्छानुसार मस्जिद बनवा देता है। प्रोफेसर का यह वीडियो सोशल मीडिया पर आने के बाद विरोध शुरू हो गया है। एबीवीपी के छात्र प्रो.रविकांत के निलम्बन की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन करने की तैयारी में हैं।