अलगाववादी नेता यासीन मलिक ने कबूली आतंकी गतिविधियों में शामिल होने की बात, हो सकती है उम्रकैद
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir’s) के अलगाववादी नेता यासीन मलिक (separatist leader Yasin Malik) ने दिल्ली कोर्ट (Delhi Court) के सामने आतंकी गतिविधियों (terrorist activities) में शामिल होने की बात स्वीकार कर ली है। 2017 में कश्मीर घाटी में हुई आतंकी घटनाओं के मामले में उन्होंने अपना गुनाह कबूल कर लिया है। हाल ही में कोर्ट ने यासीन मलिक समेत कई अलगाववादी नेताओं के खिलाफ यूएपीए के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया था।
यासीन मलिक ने अपने ऊपर लगी धाराओं को चुनौती देने से इनकार कर दिया। अलगाववादी नेता पर यूएपीए की धारा – 16 (आतंकी गतिविधि), धारा 17 (टेरर फंडिंग) धारा -18 (आतंकी साजिश) धारा 20 (आतंकी संगठन से संबंध) और आईपीसी की धारा 120 बी और देशद्रोह (124ए) लगाई गई थी।
अन्य कश्मीरी अलगाववादी नेताओं पर भी कोर्ट ने आरोप तय किए। इस लिस्ट में फारूक अहमद डार उर्फ बिट्टा कराटे, शब्बीर शाह, मुशर्रत आलम, मोहम्मद युसुफ शाह, आफताब अहमद शाह, नयीम खान, मोहम्मद अकबर, राजा मेहराजुद्दीन कलवल, बशीर अहमद भाट, जहूर अहमद शाह, शब्बीर अहमद शाह, अब्दुल राशिद शेख और नवल किशोर कपूर शामिल हैं।
इस केस की चार्जशीट में लश्कर चीफ हाफिज सईद और हिजबुल मुजाहिद्दीन चीफ सैयद सलाहुद्दीन का भी नाम है। अप्रैल में एक स्पेशल एनआईए कोर्ट ने कहा था कि कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन महिल के खिलाफ आरोप तय किए जाएंगे। अब 19 मई को जस्टिस प्रवीण सिंह मलिक सजा को लेकर दलीलों की सुनवाई करेंगे। यासीन मलिक को अधिकतम सजा उम्रकैद हो सकती है।