रायपुर: डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय स्थित एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट (एसीआई) में आज तीन मरीजों की सफलतापूर्वक त्रिआयामी ओसीटी गाइडेड कोरोनरी एंजियोप्लास्टी कर राज्य की पहली ओसीटी आधारित एडवांस टेक्नोलॉजी की शुरुआत की गई।
एसीआई के कार्डियोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. स्मित श्रीवास्तव ने बताया कि एक 45 वर्षीय युवक जो हार्ट अटैक के साथ हॉस्पिटल आया था जिनके 2 नसो में ब्लॉकेज था। दोनों ब्लॉकेज सामान्य लग रहे थे लेकिन ओसीटी प्रक्रिया करने से ब्लॉकेज के फाब्रोटीक होने का पता चला। उसके पश्चात ओसीटी की सहायता से उचित मापदण्ड लेते हुए एंजियोप्लास्टी की प्रक्रिया सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। इसी तरह एक 65 वर्षीय महिला जिसकी एंजियोग्राफी में नस के फटे एवं थक्का जमने की आशंका थी। ओसीटी प्रक्रिया द्वारा यह स्पष्ट हुआ की नस फटी हुई है और हम फॉल्स ल्यूमेन में जाने से बचें। ओसीटी प्रक्रिया की सहायता से उचित मापदंड लेते हुए एंजियोप्लास्टी की प्रक्रिया सफलतापूर्वक सम्पन्न हुई। इसी तरह एक अन्य केस में भी एंजियोप्लास्टी की प्रक्रिया सफलतापूर्वक संपन्न की गई।
क्या है ओसीटी तकनीक
ओसीटी यानी ऑप्टिकल कोहेरेंस टोमोग्राफी एक इंट्रावैस्कुलर अल्ट्रासाउंड का एक प्रकाशीय रूप है जो अल्ट्रासाउंड की तुलना में 10 गुना अधिक लाइव छवियां बनाता है। नसों में ब्लाक की सीमा का पता लगाने के लिए कोरोनरी एंजियोग्राम के लिए यह एक मानक तरीका है। प्रारंभ में और आज भी ओसीटी का उपयोग नेत्र रोग विशेषज्ञों द्वारा बड़े पैमाने पर किया जाता रहा है। वर्तमान में कार्डियोलॉजी के क्षेत्र में भी इसका उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। इसकी मदद से ब्लॉकेज का सटीक ढंग से पता लगाकर सही ढंग से स्टेंटिंग की जा सकती है।
ऑपरेशन में शामिल टीम
कार्डियोलॉजिस्ट- डॉ. स्मित श्रीवास्तव प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष कार्डियोलॉजी विभाग एसीआई, डॉ0 जोगेष विशनदाशानी सहायकप्राध्यापक कार्डियोलॉजीविभाग एसीआई, डॉ0 तान्या छौडा सहायकप्राध्यापक कार्डियक निश्चेतना कार्डियोलॉजी विभाग एसीआई, टेक्नीशियन – आई. पी. वर्मा, खेम सिंह माण्डे, नवीन ठाकुर, जितेन्द्र चेलकर, प्रेम सिंह साहू, नीलिमा यदू, आनंद राज , बुद्धेष्वरप्रसाद, डेविड पॉल तिर्की।