टॉप न्यूज़राज्यराष्ट्रीय

17 मई को 50 साल की होने जा रही राजधानी एक्सप्रेस

मुंबई: अपने 169 साल के इतिहास में भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने कई अहम पड़ाव हासिल किए हैं। भाप के इंजन से लेकर अब बुलेट ट्रेन के सफ़र की तैयारी हो रही है। आने वाला मंगलवार रेलवे के इतिहास (History) में एक और खास दिन होगा। देश की प्रीमियम यात्री ट्रेन मुंबई-नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस (Mumbai-New Delhi Rajdhani Express) अपने संचालन के 50 साल पूरी करेगी।

50 साल पहले यानी 17 मई 1972 को ट्रेन ने तत्कालीन बॉम्बे सेंट्रल (Bombay Central )से राष्ट्रीय राजधानी के लिए अपनी उद्घाटन यात्रा शुरू की थी। वैसे भारत की पहली पूरी तरह से वातानुकूलित ट्रेन नई दिल्ली और हावड़ा (कोलकाता) के बीच चली। उसके ठीक तीन साल बाद यह सेवा शुरू हुई। इससे पहले, मुंबई से दिल्ली के लिए फ्रंटियर मेल और पश्चिम एक्सप्रेस जैसी अन्य ट्रेनें थीं।

आर्थिक राजधानी से राष्ट्रीय राजधानी
पश्चिम रेलवे के सीपीआरओ सुमित ठाकुर के अनुसार, भारत की इस प्रमुख ट्रेन को देश की वाणिज्यिक राजधानी से राष्ट्रीय राजधानी से जोड़ने के लिए पेश किया गया था। मुंबई-दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस के 50 वर्षों में, दो और राजधानी एक्सप्रेस ट्रेनों (शताब्दी) गरीब रथ , युवा एक्सप्रेस और दुरंतो एक्सप्रेस जैसी अन्य फुल एसी ट्रेनों को इस व्यस्त मार्ग में जोड़ा गया है।

लगातार यात्रा समय में कमी
राजधानी एक्सप्रेस ने भारतीय रेल ट्रैक पर अपनी मजबूत पकड़ बनाए रखते हुए पिछले 50 वर्षों में अपने इंजनों, कोच, सेवाओं को लगातार अपग्रेड किया है। 19 घंटे और 5 मिनट से अधिक की यात्रा के रूप में शुरू हुआ सफ़र मुंबई से दिल्ली के बीच 15 घंटे और 50 मिनट तक सिमट गया है। आगे यात्रा के समय को और भी कम करने की प्रक्रिया जारी है।

यह भी पढ़ें
शताब्दी एक्सप्रेस में स्थाई रूप से दो विस्टाडोम कोच
160 की स्पीड से चलेगी
उल्लेखनीय है कि 1988 तक, 120 किमी प्रति घंटे की अधिकतम गति वाली राजधानी, भारतीय रेलवे में सबसे तेज ट्रेन थी। अब आधुनिक वंदे भारत और कुछ शताब्दी ट्रेनें तेजी से चलती हैं। अधिकारियों के अनुसार अगले चार वर्षों में ट्रैक अपग्रेडेशन से राजधानी 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकेगी। इससे यात्रा का समय 12 घंटे तक हो जाएगा।

यात्रियों में लोकप्रिय
इस समय भी राजधानी एक्स।यात्रियों में सबसे लोकप्रिय ट्रेन है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राजधानी श्रेणी की ट्रेनों को सभी वर्गों की ट्रेनों से ऊपर प्राथमिकता दी जाती है। शीर्ष अधिकारी मामूली देरी के लिए भी स्पष्टीकरण मांगते हैं। राजधानी को संचालित करने के लिए केवल उत्कृष्ट ट्रैक रिकॉर्ड वाले वरिष्ठतम लोको पायलट का चयन किया जाता है।

Related Articles

Back to top button