उत्तराखंड

उत्तराखंड: बुद्ध पूर्णिमा स्नान पर हरिद्वार में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

हरिद्वार: बुद्ध पूर्णिमा स्नान पर धर्म नगरी में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है। तड़के से ही हर की पैड़ी समेत आसपास के गंगा घाटों पर श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। मनसा देवी और चंडी देवी के दर्शन को भी श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए पुलिस की ओर से यातायात प्लान भी जारी किया गया है। सोमवार को सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक जिले में भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। इधर श्रद्धालुओं की भीड़ के चलते धर्म नगरी के व्यापारियों के चेहरे खिले हैं। बुद्ध पूर्णिमा पर गंगा स्नान का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान और दान पुण्य करने से मनोकामना पूरी होती है।

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक इस बार साल का पहला चंद्र ग्रहण भी लग रहा है, हालांकि स्थानीय स्तर पर इसका असर नहीं है। हिंदू पंचांग के अनुसार इसी पूर्णिमा के दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था और इसी तिथि को कठिन साधना के बाद बुद्धत्व प्राप्त किया था। कहा जाता है कि भगवान बुद्ध भगवान विष्णु के नौवें अवतार हैं। बुद्ध पूर्णिमा पर्व के दौरान हरिद्वार में ललतारो पुल से शिवमूर्ति तक के क्षेत्र को जीरो जोन बना दिया गया है।

इस क्षेत्र में कोई भी विक्रम/आटो रिक्शा/टैक्सी गाड़ी नहीं चल रही है। यातायात का दबाव बढ़ जाने पर पुल जटवाड़ा, ज्वालापुर से आने वाले विक्रम, आटो रिक्शा रानीपुर मोड़, देवपुरा होते हुए बस स्टेशन/रेलवे स्टेशन शिवमूर्ति तिराह से डायवर्जन यू-टर्न तुलसी चौक की ओर करते हुए कनखल की ओर और ज्वालापुर की तरफ जाने वाले विक्रम व आटो रिक्शा को मायापुर फायर सर्विस से देवपुरा चौक होते हुए रानीपुर मोड़ से बीएचईएल व ज्वालापुर भेजा जा रहा है।

बीएचईएल की तरफ से आने वाले विक्रम/आटो रिक्शा भगत सिंह चौक होते हुए टिबड़ी फाटक, पुराना रानीपुर मोड़, देवपुरा होते हुए बस स्टेशन/रेलवे स्टेशन शिव मूर्ति तिराहे से डायवर्जन यूटर्न तुलसी चौक की ओर करते हुए कनखल की ओर तथा ज्वालापुर की तरफ जाने वाले विक्रम/आटो रिक्शा को मायापुर फायर सर्विस से देवपुरा चौक होते हुए रानीपुर मोड़ से बीएचईएल व ज्वालापुर जा रहे हैं। हर की पैड़ी पर श्रद्धालुओं की भीड़ के चलते श्री गंगा सभा और पुलिस प्रशासन को व्यवस्था बनाने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। आस्था की डुबकी लगाने के बाद श्रद्धालु दान पुण्य के साथ मंदिरों के दर्शन कर रहे हैं।

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