उत्तर प्रदेशलखनऊ

…तो इस कारण लिफ्ट में फंस गए थे अखिलेश-डिंपल

akhilesh-yadav-5675896839352_exlstमुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनकी पत्नी सांसद डिंपल यादव विधानभवन में जिस लिफ्ट में फंसे थे, उसकी वजह पता चल गई है। तकनीकी जांच समिति ने पाया है कि लिफ्ट टेक्निकल फाल्ट की वजह से फंसी थी। बहरहाल घटना की आपराधिक जांच अभी जारी है।

मुख्यमंत्री के लिफ्ट में फंसने के कारणों का पता लगाने के लिए गठित पीडब्ल्यूडी के मुख्य अभियंता वाईके गुप्ता की अध्यक्षता वाली तकनीकी समिति ने अपनी रिपोर्ट मंगलवार को राज्य संपत्ति अधिकारी बृजराज सिंह यादव को सौंप दी।

इस समिति में निदेशक विद्युत सुरक्षा निदेशालय, डिप्टी एसपी प्रदीप कुमार वर्मा व अधिशासी अभियंता विद्युत खंड अभय कुमार गुप्ता शामिल थे। राज्य संपत्ति अधिकारी यादव ने बताया कि समिति के मुताबिक माइक्रो प्रोसेसर बेस्ड सॉफ्टवेयर के ठीक से काम न करने की वजह से लिफ्ट फंस गई थी।

उन्होंने बताया कि सामान्य तौर पर लिफ्ट कहीं फंसती है तो वह नीचे आकर खुल जाती है। मगर, इस मामले में ऐसा भी नहीं हुआ। उन्होंने बताया कि समिति ने लिफ्ट बनाने वाली कंपनी के अधिकारियों को भी बुलाया था।

उनका कहना था कि उस समय वोल्टेज कम-ज्यादा होने की वजह से लिफ्ट फेल हुई होगी। मगर, तकनीकी तौर पर बिजली आपूर्ति की पड़ताल की गई तो पता चला कि वोल्टेज कम-ज्यादा नहीं हुआ था।

ऐसे में लिफ्ट तकनीकी खामी की वजह से ही फंसी थी। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि घटना की एफआईआर दर्ज है, जिसकी जांच पुलिस कर रही है। दूसरी ओर गृह विभाग इसकी अलग से उच्च स्तरीय जांच करा रहा है।

वीवीआईपी के आने पर मशीन रूम में बैठेगा एक स्टाफ

राज्य संपत्ति अधिकारी ने बताया कि भविष्य में फिर ऐसी स्थिति न पैदा हो इसलिए समिति ने कई सुझाव भी दिए हैं। इसमें लिफ्टमैन से लेकर इंजीनियर तक की ट्रेनिंग, लिफ्ट में इमरजेंसी स्थिति आने पर बरती जाने वाली सावधानी लिखवाने, वीआईपी मूवमेंट पर विधानभवन के मशीन रूम में एक प्रशिक्षित कार्मिक की फुलटाइम उपस्थिति की सिफारिश है।

उन्होंने बताया कि इस पर तत्काल अमल शुरू कर दिया गया है। बुधवार को जवाहर भवन में लिफ्ट मैन से इंजीनियर तक का प्रशिक्षण होगा।

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