नई दिल्ली : डायबिटीज और पैन्क्रियाटिक कैंसर का गहरा संबंध है। पैंक्रियाज हमारे पाचन तंत्र का महत्वपूर्ण अंग है। इसे आप ऐसे समझें कि पैंक्रियाज अगर इंसुलिन न बनाए तो टाइप 1 डायबिटीज होती है और अगर पैंक्रियाज की ओर से बनाए गए इंसुलिन का इस्तेमाल शरीर नहीं कर पाता तो उसे टाइप 2 डायबिटीज कहा जाता है।
वहीं डायबिटीज होने पर जो समस्याएं होती हैं उससे पैन्क्रियाटिक कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है तो दोनों में गहरा संबंध है। पैन्क्रियाटिक कैंसर से बचने के लिए आपको डायबिटीज को कंट्रोल में रखना होगा और पैंक्रियाज को हेल्दी रखने के लिए लाइफस्टाइल में हेल्दी आदतों को शामिल करना होगा।
पैन्क्रियाटिक कैंसर के लक्षण
पेट में दर्द होना या पीठ के निचले हिस्से में दर्द होना
शरीर में पीलापन बढ़ना या पीलिया होना
जी मिचलाना या उल्टी आना
वजन घटना
पेशाब के रंग में बदलाव
भूख न लगना
डायबिटीज में क्यों होता है पैन्क्रियाटिक कैंसर का ज्यादा खतरा?
पैंक्रियाज हमारे पाचनतंत्र का महत्वपूर्ण अंग है। खाने को पचाने में पैंक्रियाज हमारी मदद करता है। पैंक्रियाज बॉडी में ब्लड शुगर लेवल मेनटेन करने का भी काम करता है। अगर आपके शरीर का ब्लड शुगर लेवल ठीक नहीं है तो आपको डायबिटीज हो सकती है और डायबिटीज के कारण पैन्क्रियाटिक कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। जिन मरीजों का वजन कंट्रोल नहीं होता और जो धूम्रपान का सेवन करते हैं उनमें कैंसर होने का खतरा ज्यादा होता है। अगर आपका ब्लड शुगर लेवल बढ़ा हुआ है तो मतलब आपको डायबिटीज होने का खतरा है और एक बार आपको डायबिटीज की समस्या हो गई और आपने अपने लाइफस्टाइल में जरूरी बदलाव नहीं किए तो आपको अन्य बीमारियों का खतरा हो सकता है जिनमें से एक है पैन्क्रियाटिक कैंसर।
पैन्क्रियाटिक कैंसर का कारण
अगर आपको डायबिटीज है तो पैन्क्रियाटिक कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
ब्लड में कैल्शियम का स्तर ज्यादा होने से पैन्क्रियाटिक कैंसर का खतरा होता है।
ज्यादा एल्कोहल का सेवन करने से भी पैन्क्रियाटिक कैंसर हो सकता है।
अगर आपके गॉलब्लैडर में स्टोन है तो आपको हो सकती है।
डायबिटीज को कंट्रोल रखने और पैन्क्रियाटिक कैंसर से बचने के लिए इन टिप्स को फॉलो करें-
ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल रखें, मीठी चीजों का सेवन न करें।
एल्कोहल या तंबाकू का सेवन बिल्कुल न करें, इससे कैंसर का खतरा बढ़ता है।
हेल्दी डाइट लें, फल और ताजी सब्जियों को अपनी डाइट में शामिल करें।
रोजाना कम से कम 40 मिनट एक्सरसाइज करें, वॉक पर जाएं और योगा करें।
अस्वस्थ्य पैंक्रियाज का लक्षण है, ये नजर आने पर आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। अगर आपका वजन तेजी से बढ़ रहा है तो भी ये अनहेल्दी पैंक्रियाज का लक्षण है आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। कमजोरी की समस्या या डाइजेशन की लगातार समस्या बढ़ी हुई है तो मतलब आपके पैंक्रियाज अनहेल्दी है और आपको चेकअप की जरूरत है वहीं पेट के आकार में बदलाव महसूस होने पर भी डॉक्टर से सलाह लें।
डायबिटीज के मरीज हैं तो शुगर लेवल कंट्रोल रखें, अपनी हेल्थ को मॉनिटर करते रहें। हेल्दी डाइट लें और एक्सरसाइज को रूटीन में एड करें, अगर आपको कैंसर के लक्षण नजर आते हैं तो उसे टालें नहीं बल्कि समय रहते चेकअप करवाएं।