भारत में स्थानीय भाषाओं एवं बहुभाषी इंटरेक्टिव पब्लिक वेबसाइटें उपलब्ध कराने का प्रयास
नई दिल्ली: भाषा के कारण इंटरनेट का इस्तेमाल सीमित न रहे इसके विभिन्न भारतीय भाषाओं को और बेहतर तरीके से इंटरनेट से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। सूचना प्रौद्योगिकी और कौशल विकास राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने सभी भारतीयों को डिजिटल रूप से कनेक्ट करने और इंटरनेट के क्षेत्र में भाषा संबंधी बाधाओं को पार करने की बात कही है। उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का लाभ उठाते हुए डिजिटल समावेशन को सुविधाजनक बनाने की इच्छा साझा की। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप्स हमारे डिजिटल इकोसिस्टम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और मिशन डिजिटल इंडिया ‘भाषिणी’ के माध्यम से भारतीय भाषाओं में सक्षम आईटी सॉल्यूशंस विकसित करने के लिए समर्थन मिलेगा।
उन्होंने कहा कि इससे शासन के दायरे में बढ़ोतरी होगी, जैसे कि स्पीच और टेक्स्ट अनुवाद तकनीकों का विकास। साथ ही उन्होंने स्टार्टअप्स से अपील की कि वे सरकार के साथ हाथ मिलाएं और भाषा संबंधी बाधा को तोड़ने के लिए मिशन डिजिटल इंडिया भाषिणी में काम करें। इसे संभव बनाने के लिए भारतीय भाषाओं में स्पीच और टेक्स्ट अनुवाद तकनीकों का विकास किया जा रहा है। इसका फायदा यह होगा कि जैसे-जैसे पब्लिक वेबसाइटें बहुभाषी और इंटरेक्टिव होंगी, वैसे वैसे लोक कल्याणकारी योजनाओं की पहुंच भी बढ़ेगी।
राजीव चंद्रशेखर ने मंगलवार को मिशन डिजिटल इंडिया ‘भाषिणी’ द्वारा आयोजित एक विचार मंथन सत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और भाषा प्रौद्योगिकी क्षेत्र के 73 स्टार्टअप्स से बात करते हुए कहा, प्रौद्योगिकी के इनोवेशन, विकास और साथ साथ उपभोग में हम स्टार्टअप्स की भूमिका देखते हैं।
उन्होंने कहा, भारत के युवाओं के लिए अवसरों की खातिर और सभी भारतीयों को जोड़ने हेतु प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ²ष्टिकोण का ये एक महत्वपूर्ण भाग है। जहां भारतनेट और 5जी सभी भारतीयों को इंटरनेट से जोड़ने के लक्ष्य को उत्प्रेरित करेंगे, वहीं भाषिणी जैसी पहल ये सुनिश्चित करेगी कि सभी नागरिक अपनी खुद की भाषा में इंटरनेट और डिजिटल सरकारी सेवा का उपयोग करें।
सभी लोगों को शिक्षित करने के साथ ही डिजिटल शिक्षा का भी एक लक्ष्य तय किया गया है। इसके जरिए भारत के सभी नागरिक अपनी खुद की भाषा में इंटरनेट और डिजिटल सरकारी सेवा का उपयोग कर सकेंगे।
केंद्र सरकार द्वारा इसी उद्देश्य से भाषिणी प्लेटफॉर्म बनाया गया है। दरअसल यह प्लेटफार्म आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण संसाधनों को पब्लिक डोमेन में स्टार्टअप्स और निजी इनोवेटर्स को उपलब्ध कराएगा। इस मिशन का उद्देश्य भारतीय नागरिकों को उनकी अपनी भाषा में देश की डिजिटल पहल से जोड़कर उन्हें सशक्त बनाना है। भाषिणी प्लेटफॉर्म अंतर-संचालित है और ये पूरे डिजिटल इकोसिस्टम को उत्प्रेरित करेगा।
केंद्र सरकार का यह मिशन एक ऐसे इकोसिस्टम का निर्माण और पोषण करेगा जिसमें केंद्र एवं राज्य सरकारों की एजेंसियां और स्टार्ट-अप्स शामिल होंगे। वे भारतीय भाषाओं में इनोवेटिव उत्पादों और सेवाओं को विकसित करने के लिए मिलकर काम करेंगे। स्टार्टअप्स की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए विचार-मंथन किया गया है। भारतीय भाषा डोमेन में काम कर रहे प्रमुख स्टार्टअप्स ने इस विचार मंथन में भाग लिया।
बहुभाषीता स्टार्टअप्स के सामने एक बड़ा अवसर प्रस्तुत करती है जिससे वे ऐसे इनोवेटिव सॉल्यूशन और उत्पाद विकसित कर सकते हैं जो सभी भारतीय नागरिकों की ज्ञात भाषा के उलट उनके काम आते हैं।