मध्यप्रदेश में विश्व बैंक परियोजना के कामों में गोलमाल
भोपाल : मध्यप्रदेश में विश्व बैंक परियोजना अंतर्गत उच्च शिक्षा गुणवत्ता सुधार परियोजना में 32 कॉलेजो में गोलमाल सामने आया है। कॉलेजों ने जो उपयोगिता प्रमाणपत्र भेजे है उसमें और कोषालय में हुए राशि खर्च के आंकड़ों में भारी अंतर मिला है। उच्च शिक्षा आयुक्त दीपक सिंह ने इस पर नाराजगी जताते हुए विश्व बैंक परियोजना में चयनित महाविद्यालयों के प्राचार्यो पर नाराजगी जताई है। वित्तीय वर्ष 2021-22 के विश्व बैंक परियोजना अंतर्गत विभिन्न कार्यो जैसे नैक, रेमेडियल क्लासेस और सेनेटरी नेपकीन मशीन खरीदी के लिए समय-समय पर राशि आवंटित की गई थी।
खरीदी होंने के बाद कॉलेजों ने जो उपयोगिता प्रमाणपत्र भेजे है उनमें प्रदर्शित खर्च राशि और इसके लिए आबंटित राशि में से कोषालय से वास्तव में निकाली गई राशि में अंतर मिला है। उपयोगिता प्रमाणपत्र की वास्तविक स्थिति और भिन्नता क्यों पाई गई है इसको लेकर उच्च शिक्षा आयुक्त ने जवाब मांगा है। वास्तविक उपयोग एवं आहरित राशि का मिलान करते हुए पुनरीक्षित उपयोगिता प्रमाणपत्र भेजने को कहा गया है। कई कॉलेजों से उपयोगिता प्रमाणपत्र अब तक नहीं आए है।
कॉलेज प्रमाण पत्र कोषालय अंतर
शा. पीजी कॉलेज गुना 7.84 लाख 18.44 लाख 10.59 लाख
शा. गर्ल्स कॉलेज छतरपुर 7.01 लाख 13.70 लाख 6.69 लाख
शा. पीजी कॉलेज दतिया 4.93 लाख 12.66 लाख 7.73 लाख
शा. पीजी कॉलेज शाजापुर 1.85 लाख 18.61 लाख 16.76 लाख
इन कॉलेजों के आंकड़ों में भी मिला अंतर
आदर्श मोतीलाल विज्ञान महाविद्यालय भोपाल गर्वनमेंट कॉलेज कटंगी बालाघाट, गवर्नमेंट कॉलेज जुन्नारदेव छिंदवाड़ा पीजी कॉलेज छिदवाड़ा, ठाकुर निरंजन सिंह कॉलेज गोटैगांव, शासकीय होमसाइंस गर्ल्स पीजी कॉलेज होशंगाबाद, नर्मदा कॉलेज होशंगशबाद, शासकीय कॉलेज भैसदेही, जयवंती हक्सर पीजी कॉलेज बैतूल, शासकीय कॉलेज गैरतगंज रायसेन, चंद्रशेखर आजाद गवर्नमेंट कॉलेज सीहोर, शासकीय पीजी कॉलेज भेल, एमएलबी पीजी कॉलेज भोपाल,शासकीय कॉलेज श्योपुर, झाबुआ गर्ल्स कॉलेज, भकनगांव शासकीय कॉलेज, सुभासचंद्र बोस शासकीय कॉलेज ब्यावरा, नेहरु पीजी कॉलेज अशोकनगर, छत्रसाल पीजी कॉलेज पन्ना सहित कुल 29 कॉलेजों के आंकड़ों में अंतर पाया गया है। तीन कॉलेजों शासकीय कालेज लाड़कुई सीहोर, शासकीय विज्ञान महाविद्यालय देवास और शासकीय गर्ल्स महाविद्यालय झाबुआ से आंकड़े ही नहीं भेजे गए है।