देसी हवा में रंग चुके इस विदेशी फल से जुड़ी कुछ ऐसी बातें जो हमारी सेहत के लिए बहुत लाभकारी हैं। आखिर अपने गुणों कै कारण ही तो यह फल दुनियाभर में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। अब तो भारत के भी कई राज्यों में इसकी फसल होती है…
– एवकाडो में सिर्फ एक बीज होता है, इसका ज्यादातर हिस्सा गुदे के रूप में होता है। खास बात यह है कि इस फल का गूदा भी अपने आपमें 60 प्रतिशत तक ऑइल समेटे हुए होता है और बाकी ज्यादातर मात्रा फाइबर्स की होती है।
ऐवकाडो तेल की खूबियां
-ऐवाकाडो ऑइल के लिए लोगों के बीच तेजी से क्रेज बढ़ रहा है। दरअसल, इस फल की तरह ही इसका तेल भी बहुत गुणकारी होता है। इसके तेल में पोषक तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं।
-ऐवकाडो ऑइल की खासियत यह होती है कि बहुत अधिक या बहुत कम तापमान पर भी इसके गुणों में परिवर्तन या गिरावट नहीं देखी गई है।
-यह तेल खाने में जितना लाभकारी होता है। हमारी त्वचा को सुंदर बनाए रखने के लिए भी उतना ही गुणकारी होता है।
इन बीमारियों में लाभकारी
– ऐवकाडो ऑइल हार्ट के लिए बहुत अधिक लाभकारी होता है। क्योंकि इसमें दिल की सेहत के लिए जरूरी माना जानेवाला मोनोसैचुरेटेड ओमेगा-9 फैटी एसिड होता है।
-कॉलेस्ट्रॉल का स्तर घटाने लिए भी ऐवकाडो ऑइल बहुत लाभकारी माना जाता है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि ब्लड कॉलेस्ट्रॉल लेवल को मैनेज करने में ऐवकाडो ऑइल बहुत कारगर होता है।
-ऐवकाडो ऑइल हमारे शरीर की पाचन क्षमता को बढ़ाता है और शरीर में पोषक तत्वों को सोखने की दर को भी बढ़ाने में सहायक है। हड्डियों के लिए और घाव भरने में मददगार है
-कई अलग-अलग शोध में यह बात साबित हो चुकी है कि यदि ऐवकाडो ऑइल का उपयोग हेल्दी तरीके से किया जाए तो यह हड्डियों से जुड़ी समस्या और ऑर्थराइटिस जैसे रोगों से भी बचाव करता है।
-ऐवकाडो ऑइल जल्दी घाव भरने में भी मददगार होता है। इसमें पाए जानेवाले फैटी एसिड्स हमारी त्वचा की कोशिकाओं को जल्दी स्वस्थ होने में सहायता करते हैं। इससे घाव जल्दी भर जाता है।
दरअसल, हम जो भी कुछ खाते हैं वह जब शरीर में जाता है और पाचन क्रिया शुरू होती है तो पोषक तत्वों के साथ ही शरीर के अंदर कुछ मात्रा में फ्री रेडिकल्स भी रिलीज होते हैं।
-ये फ्री रेडिकल्स हमारे शरीर में इधर-उधर घूमते रहते हैं और हमारी स्किन को डैमेज करते हैं। इससे हमारी त्वचा की उम्र कई बार वास्तविक उम्र से अधिक लगने लगती है। जबकि ऐवकाडो ऑइल इन फ्री रेडिकल्स को हमारे शरीर के माइटोकॉइंड्रिया में प्रवेश करने से रोकती है।
-ऐवकाडो ऑइल में ल्यूटिन पाया जाता है। यह एक खास कैरोटेनॉइड है, जो हमारी आंखों में प्राकृतिक रूप से पाया जाता है। कैरोटेनॉइड्स ऐंटिऑक्सीडेंट्स होते हैं। ऐंटिऑक्सीडेंट्स हमारे शरीर को यंग बनाए रखने का काम करते हैं।
ऐवकाडो गर्म मौसम में पैदा होनेवाला फल है। ऐसे में यह गर्मी के मौसम में होनेवाली बीमारियों जैसे हाई बीपी, चक्कर आना, कमजोरी, मन खराब होना या फिर मौसम के कारण होनेवाली दूसरी बीमारियों से भी दूर रखता है।
-ऐवकाडो को एक शुगर फ्री फल की तरह माना जाता है। यही वजह है कि आमतौर पर डायबिटीज के मरीजों को यह फल खाने की सलाह दी जाती है।
-फैट फ्री होता है यह फल। यानी इसमें हार्मफुल फैट नहीं पाया जाता है। जबकि गुड फैटी एसिड्स यह हमारी बॉडी को देता है। इसमें विटमिन्स और मिनरल्स काफी अच्छी मात्रा में होते हैं। यह ऐंटिऑक्सीडेंट की तरह हमारे शरीर के लिए काम करता है।
-ऐवकाडो मूल रूप से मैक्सिन सेंट्रल मैक्सिको का फ्रूट माना जाता है। लेकिन अपने गुणों के चलते यह दुनिया के अलग-अलग देशों में बहुत अधिक पसंद किया जाता है। यही वजह है कि वहां के माहौल और जलवायु के हिसाब से इसे कल्टिवेट कर अलग-अलग किस्में तैयार की गई हैं।
-हालांकि भारत के लिए ऐवकाडो कमर्शियल फ्रूट क्रॉप नहीं है। यह 20वीं शताब्दी में श्रीलंका के जरिए भारत पहुंचा। यह बेरी फैमिली का फ्रूट है।
-भारत में तमिलनाडु, महाराष्ट्र, केरल, कर्नाटक, सिक्किम और साउथ सेंट्रल इंडिया में यह फल काफी सीमित मात्रा में उगाया जाता है। लेकिन धीरे-धीरे इसकी लोकप्रियता लोगों के बीच बढ़ने लगी है।