युवाओं और भावी पीढ़ी को राष्ट्र गौरव और संस्कृति की अमूल्य धरोहरों से परिचित कराएँ – राज्यपाल पटेल
भोपाल: राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि राष्ट्रीय गौरव और आत्म-विश्वास को बनाए रखने के लिए भावी पीढ़ी और युवाओं को राष्ट्र के गौरव और संस्कृति की अमूल्य धरोहरों से परिचित कराना जरूरी है। युवाओं को राष्ट्र के प्रति समर्पण और आत्म-गौरव से परिचित कराने के प्रयासों में समाज का सहयोग आवश्यक है। उन्होंने कहा कि इसी मंशा से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समर्थ, सशक्त और समृद्ध भारत निर्माण के लिए अमृत महोत्सव की पहल की है।
राज्यपाल पटेल संत हिरदाराम कन्या महाविद्यालय में नारी युवा शक्ति महोत्सव के नायक दिवस कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन संस्कारित युवा आदर्श समिति और कादम्बिनी शिक्षा एवं समाज कल्याण सेवा द्वारा किया गया। राज्यपाल पटेल ने इससे पूर्व महाविद्यालय के प्रांगण में बादाम और आँवले के पौधे रोपे।
राज्यपाल पटेल ने कहा कि आवश्यकता है कि युवाओं को भारतीय संस्कृति की गौरवशाली परंपरा, गरिमा और हमारे पूर्वजों के त्याग, बलिदान और नि:स्वार्थ सेवा भावना से परिचित कराया जाये। वैचारिकता के आधार और उनके अनुसरण के लिए प्रेरित किया जाए। युवा, स्वामी विवेकानंद जी की शिक्षाओं को जीवन में उतारें और समाज में प्रसार करें। उन्होंने सबके साथ, विश्वास और प्रयासों से राष्ट्र निर्माण में सहयोग का आहवान किया। राज्यपाल पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नारी शक्ति की सहभागिता के साथ विकास का कार्य तेज गति से किया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी का नारी शक्ति के प्रति विज़न बिलकुल स्पष्ट है। उनका मानना है कि मुद्दा महिलाओं के विकास का नहीं रह गया है, बल्कि महिलाओं से विकास का है। उनकी आर्थिक विकास से लेकर सामाजिक न्याय तक की परिकल्पना में महिलाएँ शामिल है।
मुख्य वक्ता संस्कारित युवा आदर्श समिति की श्रीमती प्रवीण सत्येंद्र विद्यालंकार ने कहा कि राष्ट्र की सेवा में अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले नायकों ने यातना को साधना का स्वरूप दिया था। ऐसे नायकों का जन्म और मृत्यु राष्ट्र-भक्तों को प्रेरणा और प्रोत्साहन देता है। उन्होंने कहा कि भारतीय सनातन संस्कृति की संकल्पना में राष्ट्र सेवा का स्वरूप माँ के समान है। शहीद हेमू कॉलानी एजुकेशन सोसायटी के चेयरमेन श्रद्धेय सिद्धभाऊ ने युवाओं में राष्ट्र भक्ति और राष्ट्र सेवा के भावों के जागरण की आवश्यकता बताई।
पूर्व सांसद रघुनंदन शर्मा ने कहा कि राष्ट्र को मज़बूत बनाने के लिए युवाओं को आगे आना चाहिए। विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि देश के लिए सर्वस्व न्यौछावर करने वाला ही नायक होता है। उन्होंने कहा कि आजादी के संघर्ष के वीर नायकों का इतिहास में सही चित्रण नहीं हुआ है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के प्रति आभार ज्ञापित करते हुए कहा कि उन्होंने अमृत महोत्सव के रूप में वीर नायकों के उचित सम्मान का अवसर प्रदान किया है। आर्य समाज भारतीय सभा मध्य भारत के मंत्री प्रकाश आर्य ने कहा कि आजादी प्राप्ति के संघर्ष और बलिदान की जानकारी होने पर ही आजादी का मूल्यांकन हो सकता है। इसलिए युवाओं को हमारी गौरवशाली संस्कृति और इतिहास के साथ जोड़ना जरूरी है।
अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन और भारत माता के चित्र पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। राज्यपाल पटेल का स्वागत श्रीफल और सरोपा भेंट कर किया गया। कार्यक्रम की स्मारिका और पुस्तक वीरगाथा- 2022 की प्रति भी भेंट की गई।
कादम्बिनी शिक्षा एवं समाज कल्याण सेवा के अध्यक्ष दिनेश शर्मा ने स्वागत उद्बोधन दिया। राष्ट्रीय एकता परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष रमेश शर्मा ने आभार माना।