उत्कृष्ट चारा प्रबंधन वाली रानीघाटी गौशाला में लगेगा गौ-संवर्धन योजना प्लांट
भोपाल: मध्यप्रदेश गौ-पालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड कार्य परिषद के अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि ने ग्वालियर जिले के रानीघाटी में गोवर्धन योजना में स्थापित होने वाले गोबर गैस प्लांट स्थल और गौवंश का अवलोकन किया। प्राचीन राम-जानकी परिसर के 1200 बीघा के विशाल भूखण्ड पर स्थित इस गौशाला में लगभग 1200 गौवंश हैं। शीघ्र ही भोपाल से आने वाली तकनीकी टीम द्वारा कार्य-योजना बनाने के बाद गैस प्लांट कार्य करना आरंभ कर देगा।
गौशाला में है चारे की उत्कृष्ट व्यवस्था
स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि ने गौशाला की देखभाल कर रही कृष्णायन सेवा समिति द्वारा उत्कृष्ट गौ-चारा प्रबंधन की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने मशीन से धान की पराली से तैयार किये गये चारा भूसे के विशाल साइलेज का भी निरीक्षण किया। एक छोटे-मोटे पहाड़ के आकार में समिति द्वारा धान भूसे के मशीन से बंडल बनाकर स्टोर किये गये हैं। गौवंश को थोड़ा सीरा और नमक मिलाकर दिये जाते हैं। आवश्यकता से अधिक मात्रा में स्टॉक किये जाने से यह पौष्टिक चारा यहाँ के गौवंश के लिये हमेशा उपलब्ध रहता है। हरिद्वार की कृष्णायन देशी गौपालन संस्था में लगभग 65 महात्मा हैं, जो देश के अनेक स्थानों पर बड़ी-बड़ी गौशाला का संचालन कर रहे हैं। इन महात्माओं में इंजीनियर, प्रोफेसर, बैंकिंग सर्विस से सेवानिवृत्त अधिकारी, वैज्ञानिक, कथा-वाचक आदि आध्यात्मिक साधक हैं।
लाल टिपारा गौशाला बन चुकी है आदर्श गौशाला
स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि ने ग्वालियर की मशहूर लाल टिपारा गौशाला का भी निरीक्षण कर व्यवस्थाओं की प्रशंसा की। यह गौशाला पूर्व में अव्यवस्था का शिकार थी। नगर निगम ग्वालियर ने कृष्णायन से अनुबंध किया और आज यह गौशाला आदर्श गौशाला के रूप में प्रतिष्ठित हो चुकी है। यहाँ 5 हजार से अधिक गौवंश हैं। पहले यहाँ रोज 10 से 20 बीमार, बेसहारा गायों की मृत्यु होती थी, जो अब घटकर जीरो हो गई है। ग्वालियर शहर में भी नगर प्रशासन की अनुमति से लगभग 2200 गौवंश की सेवा कृष्णायन संस्था द्वारा की जा रही है।
निरीक्षण के दौरान गौशाला प्रबंधन के निदेशक स्वामी ऋषभ देव और पशुपालन एवं डेयरी विभाग के उप संचालक श्री केशव सिंह बघेल भी मौजूद थे।