पटना: बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने बृहस्पतिवार को अपने पिता लालू प्रसाद यादव के घोर विरोधी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से तालमेल करने की लग रही अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने इसके साथ ही पटना और दिल्ली में अपने माता-पिता (राबड़ी देवी और लालू प्रसाद यादव) के आवासों पर हाल ही में सीबीआई द्वारा की गई छापेमारी की कार्रवाई की निंदा करते हुए आरोप लगाया कि राजनीतिक प्रतिशोध का ‘‘कायरतापूर्ण” कार्य न तो पहली बार किया गया है और न ही यह आखिरी है।
तेजस्वी ने ब्रिटेन से लौटने के बाद पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा, ‘‘जब हम जातीय जनगणना की मांग को लेकर एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के हिस्से के तौर पर पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले थे, तो पहल मेरी थी न कि नीतीश जी की। क्या इसका मतलब यह है कि मैं भाजपा के साथ गठबंधन के लिए तैयार हूं।” हाल में राबडी देवी ने पटना स्थित आवास में आयोजित इफ्तार पार्टी आयोजित की थी जिसमें नीतीश कुमार अपने आवास से पैदल चलकर आए थे।
इसी प्रकार जदयू मुख्यालय में आयोजित इफ्तार पार्टी में जब तेजस्वी शामिल होकर लौट रहे थे तब नीतीश कुमार उन्हें वाहन तक छोडने आए थे। जातीय जनगणना को लेकर दोनों नेताओं ने एकांत में मुलाकात की थी। इन घटनाक्रम के बाद दोनों दलों के बीच तालमेल होने की अटकले लगने लगी थी। इस बारे में पूछे जाने पर तेजस्वी ने कहा कि यह ‘काल्पनिक’ है।
उन्होंने अपनी ही पार्टी के कुछ नेताओं के आरोपों पर टिप्पणी करने से भी इनकार कर दिया कि छापे ‘‘भाजपा प्रायोजित” थे और इसका उद्देश्य नीतीश कुमार को विपक्षी दल राजद के ‘‘करीब” आने से रोकना था। राजद नेता ने हालांकि कहा, ‘‘यह एक सच्चाई है कि हमें जांच एजेंसियों के माध्यम से निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि हम विपक्ष में हैं। मैं बचपन से ही अपने पिता के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई का गवाह रहा हूं। यह कोई पहला मामला नहीं है। अगर संवैधानिक एजेंसियों का दुरुपयोग जारी रहा तो यह आखिरी भी नहीं होगा।”
तेजस्वी ने पिछले सप्ताहांत पड़े सीबीआई के छापों का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘यह एक कायरतापूर्ण कार्य था।” उन्होंने कहा कि उनके पिता पर रेलमंत्री रहने के दौरान कथित भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया गया है जबकि उनके कार्यकाल के दौरान रेलवे को बड़े पैमाने पर लाभ पहुंचाने के साथ गरीबों के लिए एसी ट्रेन चलाई गई, कुलियों को नौकरी दी गई और कुल्हड़(मिट्टी के बर्तन) में चाय की शुरूआत की गई।
केंद्र की राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन)सरकार पर निशाना साधते हुए तेजस्वी ने आरोप लगाया कि ‘‘अब निजीकरण के नाम पर रेलवे को बेचा जा रहा है। फिर भी हम पर गलत काम करने का आरोप लगाया जा रहा है।” तेजस्वी जो अपने पिता राजद सुप्रीमों के राजनीतिक उत्तराधिकारी माने जाते हैं, ने आगामी राज्यसभा चुनावों पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। इस चुनाव में उनकी सबसे बड़ी बहन मीसा भारती को लगातार तीसरी बार राजद से राज्यसभा सीट के लिए टिकट मिलने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि पार्टी के संसदीय बोर्ड ने राष्ट्रीय अध्यक्ष को निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया है। संभव है कि वह कल तक नामों की घोषणा कर दें। इस बीच, लालू प्रसाद यादव परिवार के एक करीबी सूत्र ने पुष्टि की है कि मीसा भारती को राज्यसभा सीट के लिए पार्टी उम्मीदवार बनाने का फैसला कर लिया गया है।
सूत्र ने बताया कि ‘‘मीसा भारती उन दो सीटों में से एक के लिए उम्मीदवार होंगी जिन्हें हम जीतने की उम्मीद करते हैं। दूसरी सीट के लिए पार्टी अध्यक्ष ने वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक फैयाज अहमद को चुना है।” सूत्र ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि इस संबंध में औपचारिक घोषणा उचित समय पर की जाएगी। बिहार से राज्यसभा की पांच सीटों जिसके लिए द्विवार्षिक चुनाव होने हैं, नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 मई है।