छत्तीसगढ़

सुहागन महिलाओं ने किया अंखड सौभाग्यवती होने के लिए वट वृक्ष की पूजा

रायपुर: हिंदू कैलेंडर के अनुसार ज्येष्ठ कृष्ण अमावस्या को वट सावित्री का व्रत रखा जाता है। इस बार यह तिथि 30 मई सोमवार को यानी कल है। इसके अलावा कल सोमवती अमावस्या के साथ ही शनि जयंती का भी संयोग बन रहा है। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक 30 साल के बाद ऐसा संयोग बना है। इसके साथ-साथ इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग व सुकर्मा योग भी बन रहा है।

वट सावित्री अमावस्या के दिन सुहागन महिलाएं अंखड सौभाग्यवती होने के लिए वट वृक्ष की पूजा करते हुए व्रत रखती हैं। ऐसी मान्यता है कि ज्येष्ठ कृष्ण अमावस्या के दिन सुहागन महिलाएं वट वृक्ष के नीचे बैठकर पूजा करने और रक्षा सूत्र बांधने से पति की आयु लंबी होता है और हर मनोकामना पूर्ण होती है। वट वृक्ष में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देवताओं का वास माना जाता हैं। अत: इस वृक्ष की पूजा करने से सुख-समृद्धि और उत्तम स्वास्थ्य का पुण्य फल मिलता है।

शुभ मुहूर्त–ज्येष्ठ अमावस्या तिथि की शुरूआत 29 मई रविवार को दोपहर 02 बजकर 54 मिनट से होगी, जो 30 मई सोमवार, शाम 04 बजकर 59 मिनट तक रहेगी। उदया तिथि के हिसाब से 30 मई वट सावित्री अमावस्या मनाई जाएगी। पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 07 बजकर 12 मिनट से शुरू होगा।

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