अन्तर्राष्ट्रीय

चीन 10 प्रशांत राष्ट्रों के साथ व्यापक नए समझौते करने में रहा विफल

सुवा: चीन 10 प्रशांत राष्ट्रों के साथ व्यापक नए समझौते करने में सोमवार को विफल रहा। इस क्षेत्र के कुछ लोगों ने इसको लेकर गहरी चिंता भी व्यक्त की है। हालांकि, चीन के विदेश मंत्री वांग यी की यात्रा के दौरान देश को मामूली ही सही, पर कुछ सफलताएं जरूर मिली हैं। वांग 10 द्वीप राष्ट्रों के विदेश मंत्रियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की सह-मेजबानी करने के लिए फिजी पहुंचे हैं। वांग और फिजी के प्रधानमंत्री फ्रैंक बाइनीमारामा ने एक संवाददाता सम्मेलन में 30 मिनट तक बात की, लेकिन पत्रकारों के कई तरह के सवाल पूछने पर अचानक वे वहां से चले गए। बैठक से संबंधी सभी जानकारी नहीं मिल पाई, हालांकि यह स्पष्ट हो गया कि चीन के मंसूबे बैठक में सफल नहीं हो पाए। बाइनीमारामा ने कहा, ‘हमेशा की तरह हम नए क्षेत्रीय समझौतों पर किसी भी चर्चा के दौरान अपने देशों के बीच सर्वसम्मती चाहते हैं।’

इस क्षेत्र में चीन की सैन्य एवं वित्तीय महत्वाकांक्षाओं के बारे में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंताए व्यक्त की गई हैं, जबकि फिजी के कई लोग विदेशी निवेश को फायदेमंद मानते हैं, लेकिन तब तक ही, जब तक यह लोगों का उत्थान करता है। फिजी की जॉर्जीना मटिल्डा ने कहा कि चीनी इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी ‘चाइना रेलवे’ के लिए काम करने का मतलब है कि वह अपने बच्चों को भोजन मुहैया करवा पाएंगी। मिलियान रोकोलिता ने कहा कि चीन की बढ़ती उपस्थिति से लोगों को फायदा हुआ है। उन्होंने कहा, ‘उनकी वजह से हमें बड़े घर मिले हैं। फिजी में पैसा आया है। वे अच्छे लोग हैं।’ ‘द एसोसिएटेड प्रेस’ को मिले दस्तावेजों के अनुसार, वांग को उम्मीद थी कि बैठक में 10 द्वीप राष्ट्र पूर्व-लिखित समझौते का समर्थन करेंगे। हालांकि, वांग इस पर सभी को सहमत नहीं कर पाएं। माइक्रोनेशिया के संघीय राज्यों के राष्ट्रपति डेविड पैनुएलो ने अन्य प्रशांत नेताओं से कहा कि वह योजना का समर्थन नहीं करेंगे।

उन्होंने एक एक पत्र के जरिए आगाह किया कि यह अनावश्यक रूप से भू-राजनीतिक तनाव को बढ़ाएगा और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा उत्पन्न करेगा। पैनुएलो ने इसे ‘प्रशांत क्षेत्र में सबसे अधिक बदलाव लाने वाला प्रस्तावित समझौता’ करार दिया और कहा कि इससे ‘एक नया शीत युद्ध युग और सबसे खराब विश्व युद्ध शुरू हो सकता है।’ वांग ने संवाददाता सम्मेलन में कुछ क्षेत्रों को सूचीबद्ध किया जिस पर देशों ने सहमति व्यक्त की और कहा कि वह अन्य क्षेत्रों पर काम जारी रखेंगे। वांग ने कहा कि बैठक के बाद, चीन प्रशांत द्वीप देशों के साथ अपने रुख और सहयोग प्रस्तावों पर एक दस्तावेज ‘पोजेशन पेपर’ जारी करेगा। किसी मुद्दे पर एक तर्कपूर्ण राय प्रस्तुत करने के लिए जारी दस्तावेज को ‘पोजेशन पेपर’ कहते हैं। उन्होंने कहा, ‘इस पर और सहमति हासिल करने के लिए हम आगे भी गहन चर्चा तथा परामर्श जारी रखेंगे।’

चीन भले ही व्यापक बहुपक्षीय समझौते करने में विफल रहा हो, लेकिन वांग की इस यात्रा के दौरान वह हर दिन प्रशांत देशों के साथ कुछ छोटे द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर कर रहा है। गौरतलब है कि चीन ने सोलोमन आईलैंड्स और नौ अन्य द्वीपीय राष्ट्रों के समक्ष सुरक्षा प्रस्ताव रखे थे। मसौदा प्रस्ताव से कहा गया था कि चीन प्रशांत पुलिस अधिकारियों को प्रशिक्षित करने के साथ ही ‘परम्परागत और गैर-परम्परागत सुरक्षा’ को लेकर उन्हें संगठित करना और कानून प्रवर्तन सहयोग को बढ़ाना चाहता है। वह संयुक्त रूप से मत्स्य उद्योग के लिए समुद्री योजना विकसित करना और प्रशांत राष्ट्रों के साथ मुक्त कारोबार की संभावना भी तलाशना चाहता है।

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