रुद्रप्रयाग । केदारनाथ पैदल मार्ग पर घोड़े और खच्चरों की मौत पर राज्य सरकार ने संज्ञान लिया है। अभी तक हुई मौतों की जांच के लिए पांच सदस्यीय कमेटी गठित करने के साथ ही घोड़े-खच्चरों को एक-एक दिन के अंतराल में आराम देने की व्यवस्था कर दी गई है। केदारघाटी में यात्रा शुरू होने के बाद से लगातार घोड़े और खच्चरों की मौत हो रही है। अभी तक हुई मौतों की जांच के लिए पांच सदस्यीय कमेटी गठित करने के साथ घोड़े-खच्चरों को एक-एक दिन के अंतराल में आराम देने की व्यवस्था कर दी गई है। पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने राज्य सरकार को पत्र लिखा था
जिला प्रशासन को उनके स्वास्थ्य की देखभाल के लिए 20 सदस्यीय कमेटी बनाने के निर्देश दिए हैं। केदारघाटी में यात्रा शुरू होने के बाद से लगातार घोड़े और खच्चरों की मौत हो रही है। उनके स्वास्थ्य की देखभाल की समुचित व्यवस्था न होना इसका कारण सामने आ रहा है। हालिया दिनों में पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने भी इस पर चिंता जाहिर करते हुए राज्य सरकार को पत्र लिखा था।
उचित दाना-पानी न पाया गया तो खच्चर मालिक पर प्राथमिकी दर्ज करें
रविवार को रुद्रप्रयाग पहुंचे पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने अधिकारियों के साथ इस संबंध में बैठक की। अब तक हुई मौतों की जांच के लिए पशु चिकित्सक, पुलिस, जिला पंचायत एवं जिला प्रशासन के प्रतिनिधियों की संयुक्त कमेटी बनाने के निर्देश दिए। मंत्री ने स्पष्ट किया कि घोड़े-खच्चरों की मौत की जांच में मरने का कारण यदि उन्हें उचित दाना-पानी न मिलना पाया गया तो खच्चर मालिक के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करें। मंत्री ने पशु चिकित्सक का प्रमाण पत्र जारी होने पर ही घोड़े-खच्चरों का संचालन करना सुनिश्चित करने की बात कही। पशुपालन मंत्री ने कहा कि यात्रा में इस्तेमाल किए जा रहे पशुओं को अच्छा चारा उपलब्ध हो, इसकी प्रशासनिक अधिकारी निरंतर निगरानी करें।
यात्रा का एक फेरा लगाकर लौटने वाले घोड़े-खच्चर को एक दिन का आराम दें। यानी एक दिन में पचास प्रतिशत का ही संचालन करें। केदारनाथ पैदल मार्ग पर घोड़े-खच्चरों के लिए गर्म पानी, साफ सफाई, जरूरत के अनुरूप चारे की व्यवस्था करें।