3 जून को गृहमंत्री अमित शाह जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा पर उच्चस्तरीय बैठक करेंगे
श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर में एक के बाद एक टार्गेट किलिंग (Target Killing in Jammu and Kashmir) ने कश्मीरी पंडितों को आक्रोशित कर दिया है। वे कड़ी सिक्योरिटी न मिलने तक घाटी में रहना नहीं चाहते हैं। कश्मीरी पंडितों ने सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया था, जो खत्म हो गया। इस बीच केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह 3 जून को जम्मू-कश्मीर में सिक्योरिटी को लेकर एक हाईलेवल मीटिंग करेंगे। बता दें कि कुलगाम जिले के गोपालपोरा इलाके में मंगलवार को आतंकवादियों ने एक प्रवासी कश्मीरी पंडित महिला टीचर रजनी बाला(Migrant Kashmiri Pandit teacher Rajni Bala shot dead) के सिर में गोली मारकर हत्या कर दी थी। रजनी बाला (36) जम्मू के सांबा जिले की रहने वाली थीं। वे कुलगाम के गोपालपोरा के एक सरकारी स्कूल में टीचर थीं। इस घटना के बाद कश्मीर पंडितों का गुस्सा फूट पड़ा है।
जम्मू-कश्मीर सरकार ने प्रधानमंत्री के विशेष पैकेज( prime minister’s special package) के तहत कश्मीरी प्रवासियों और कश्मीर संभाग में तैनात अल्पसंख्यक समुदायों के अन्य कर्मचारियों को घाटी में सुरक्षित स्थानों पर 6 जून तक तुरंत पोस्ट करने का फैसला किया है। सूत्रों के मुताबिक, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा(Lt Governor Manoj Sinha) की अध्यक्षता में हुई एक हाईलेवल मीटिंग में यह फैसला लिया गया। साथ ही यह भी तय करने को कहा गया कि कोई भी कर्मचारी अलग-अलग क्षेत्रों में या बिखरे हुए तरीके से काम या निवास न करे। लोगों की शिकायतों के लिए उपराज्यपाल सचिवालय के भीतर एक स्पेशल सेल के अलावा, जनरल एडमिनिस्ट्रेटिव डिपार्टमेंट (GAD) के पास शिकायतों और उनके समाधान के लिए एक डेडिकेटेड ईमेल आईडी भी होगी। मीटिंग में कहा गया कि पीएम पैकेज और अल्पसंख्यक समुदाय के कर्मचारियों की शिकायतों या उनके टॉर्चर से निपटने में किसी भी चूक से सख्ती से निपटा जाएगा।
इस बीच रजनी बाला का बुधवार को यहां शोक और गुस्से के बीच अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस दौरान कश्मीरी पंडितों ने रजनी बाला अमर रहे, अमर रहे के नारे लगाए। रजनी के पति राजकुमार ने बताया कि वे लगातार अपने और रजनी के ट्रांसफर के लिए रिक्वेस्ट कर रहे थे, लेकिन रजनी की मौत के एक दिन पहले रात को ट्रांसफर के आदेश उन्हें मिले। अगर समय पर यह हो जाते, तो रजनी जीवित होती। कुमार ने कहा कि कश्मीर में हिंदू आसान निशाने पर हैं और प्रशासन को उन सभी को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना चाहिए। बाला के परिवार में उनके पति के अलावा उनकी 13 साल की बेटी है। बाला के अंतिम संस्कार में शामिल हुए जम्मू-कश्मीर भाजपा प्रमुख रविंदर रैना ने कहा कि उनके हत्यारों को दफनाकर उनकी मौत का बदला लिया जाएगा। एक ग्रामीण नरिंदर कुमार ने कहा, “हम मांग करते हैं कि गांव में स्कूल का नाम रजनी बाला के नाम पर रखा जाए और हिंदुओं को कश्मीर से बाहर स्थानांतरित करने के लिए स्थानांतरण नीति की समीक्षा की जाए। कश्मीर हिंदू कर्मचारियों के लिए सुरक्षित जगह नहीं है।”
घाटी में कई कश्मीरी पंडितों की ‘‘टार्गेट किलिंग’ पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उन्हें पर्याप्त सुरक्षा दी जानी चाहिए और उनकी आवाज को ‘दबाया’ नहीं जाना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार समुदाय के लिए कुछ नहीं कर रही है। एक ऑनलाइन प्रेस ब्रीफिंग में केजरीवाल ने कहा कि आतंकवादी ताकतें जम्मू-कश्मीर में सांप्रदायिक सौहार्द नहीं चाहती हैं क्योंकि कश्मीरी पंडित समुदाय के सदस्यों को एक-एक करके निशाना बनाया और मारा जा रहा है, जो 90 के दशक में हुआ था। केजरीवाल ने कहा कि इस साल 16 कश्मीरी पंडित मारे गए हैं। केजरीवाल बोले-“केंद्र से मेरी अपील है कि कश्मीरी पंडितों को कश्मीर में बसने में मदद करने के लिए हम सभी को मिलकर काम करना होगा और हम जो भी भूमिका निभा सकते हैं, उसके लिए तैयार हैं।” अपने मीडिया ब्रीफिंग में उन्होंने सरकारी अधिकारी राहुल भट, श्रीनगर स्थित रसायनज्ञ माखन लाल बिंदू और स्कूल शिक्षक रजनी बाला के नामों का हवाला दिया, जो हाल के दिनों में घाटी में मारे गए हैं।
जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में गुरुवार को किराए के निजी वाहन में हुए विस्फोट में तीन जवान घायल हो गए। कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार ने कहा कि विस्फोट की जांच की जा रही है। कुमार ने ट्विटर पर कहा, विस्फोट की प्रकृति और स्रोत-चाहे वह ग्रेनेड के कारण हो या वाहन के अंदर पहले से लगाए गए आईईडी या बैटरी की खराबी के कारण-जांच की जा रही है।