आदर्श जन-प्रतिनिधि थे स्व. गोपीनाथ मुंडे : मुख्यमंत्री चौहान
भोपाल: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वरिष्ठ नेता स्व. गोपीनाथ मुंडे की स्मृति में महाराष्ट्र के बीड़ जिले में श्रद्धांजलि कार्यक्रम में स्व. मुंडे को श्रद्धा-सुमन अर्पित किए और उनके योगदान का स्मरण किया। कार्यक्रम में सुपंकजा मुंडे के अलावा स्व. गोपीनाथ मुंडे की दो अन्य बेटियाँ प्रीतम और यशाभी उपस्थित थी।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि स्व. गोपीनाथ मुंडे छोटे से गाँव में जन्में थे। गाँव में प्रायमरी स्कूल की बिल्डिंग भी नहीं थी। पेड़ के नीचे कक्षा लगती थी। दुख और अभाव सहते हुए उन्होंने सार्वजनिक जीवन में प्रवेश किया और यह संकल्प लिया कि समाज के पीड़ित और शोषित वर्ग की सहायता के लिए भरसक प्रयास करेंगे। स्व. मुंडे ने पिछड़ा वर्ग के साथ ही समाज के वंचित और अंतिम पंक्ति के व्यक्ति के कल्याण के लिए स्मरणीय कार्य किए। वे अपने लिए नहीं दूसरों के लिए जीना जानते थे। अनेक अवसर पर उन्होंने आपदा के समय सबसे पहले प्रभावित लोगों के बीच पहुँच कर राहत और सहायता के कार्य शुरू करवाए। वे एक लोकप्रिय वक्ता भी थे। कानून-व्यवस्था की स्थिति को मजबूत बनाकर आम लोगों को चिंता मुक्त किया। उन्होंने महाराष्ट्र में असामाजिक तत्वों पर सख्ती से नियंत्रण किया था। आम जनता के हित में वे दिन-रात कार्य करते थे। उन्होंने सार्वजनिक जीवन में अपनी सक्रिय भूमिका से एक आदर्श जन-प्रतिनिधि के रूप में अलग छाप छोड़ी। वे हमेशा हमें याद आएँगे। उन्होंने महाराष्ट्र सरकार और केंद्र सरकार में महत्वपूर्ण दायित्व संभाले।
बेटियों ने गोपीनाथ गढ़ बनाकर दिया है संदेश
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि महाराष्ट्र से मेरा बहुत गहरा रिश्ता है। स्व. प्रमोद महाजन और स्व. गोपीनाथ मुंडे से बहुत कुछ सीखने को मिला। मध्यप्रदेश में हर कार्यक्रम हम बेटियों के पूजन से शुरू करते हैं। स्व. मुंडे की तीन बेटियों ने पिता के संस्कार ग्रहण किए हैं। इन बेटियों ने इस अंचल में अपने पिता की स्मृति में गोपीनाथ गढ़ बनाकर यह संदेश दिया है कि बेटियाँ किसी से कम नहीं होती, बल्कि इस बात को भी सिद्ध किया है कि बेटों से भी एक कदम आगे हो सकती है बेटियाँ। पिता के कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने दायित्व बोध के साथ इस कार्यक्रम की रचना बनाई।
स्व. मुंडे की 8वीं पुण्य-तिथि पर हुए कार्यक्रम में मुख्यमंत्री चौहान ने कन्याओं के पूजन के साथ उन्हें आशीर्वाद भी प्रदान किया। मुख्यमंत्री चौहान को स्मृति-चिन्ह और तुलसी का पौधा भेंट किया गया। मुख्यमंत्री चौहान ने कार्यक्रम में समाज-सेवा और अन्य क्षेत्रों में कार्य कर रही अंचल की विभूतियों को सम्मानित भी किया।