अमेरिका के मैरीलैंड में भीषण गोलीबारी, तीन लोगों की मौत- 1 सैनिक घायल
वाशिंगटन: अमेरिका के मैरीलैंड में भीषण गोलीबारी होने से तीन लोगों की मौत हो गई है, जबकि एक शख्स घायल हुआ है। ये मामला राज्य के स्मिथ्सबर्ग का है। मामले की जानकारी मैरीलैंड के सरकारी अधिकारी ने दी है। हमलावर की अभी पहचान नहीं हो पाई है लेकिन उसे हिरासत में लिया गया है। वाशिंगटन काउंटी शेरिफ की प्रवक्ता ने बताया, हमलावर मैरिलैंड स्टेट ट्रूपर के साथ हुई गोलीबारी में घायल हो गया है। संदिग्ध और ट्रूपर दोनों को ही घायल अवस्था में इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल ले जाया गया था। प्रवक्ता ने कहा कि लोगों को कोई खतरा नहीं है लेकिन गोलीबारी के पीछे का उद्देश्य अभी नहीं पता चला है।
मैरीलैंड गवर्नर लैरी होगान ने कहा, ‘मुझे पता चला है कि तीन लोग मारे गए हैं।’ होगान ने ये भी कहा कि हमलावर की तरफ की जा रही गोलीबारी के कारण ट्रूपर फंस गया था। मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में हुई गोलीबारी को लेकर कोलंबिया मशीन प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी घटना की जांच में अधिकारियों के साथ सहयोग कर रही है लेकिन उन्होंने ये बताने से इनकार कर दिया कि गोलीबारी के वक्त यूनिट में कितने कर्मचारी मौजूद थे। अमेरिकी ब्यूरो ऑफ एल्कोहल, फायरआर्म्स एंड एक्सप्लोसिव्स के बाल्टीमोर ऑफिस ने ट्विटर पर कहा कि वह स्मिथ्सबर्ग में घटनास्थल पर एजेंट्स को भेज रहा है।
देश में बढ़ती गोलीबारी की घटनाओं के बीच एक दिन पहले खबर आई थी कि अमेरिकी संसद ने बफेलो, न्यूयॉर्क और उवाल्दे, टेक्सास में हाल में सामूहिक गोलीबारी के जवाब में बुधवार को व्यापक बंदूक नियंत्रण विधेयक पारित किया है। इस विधेयक में अर्द्ध-स्वचालित राइफल खरीदने के लिए आयु सीमा बढ़ाने और 15 गोलियों से अधिक की क्षमता वाली मैगजीन की बिक्री पर प्रतिबंध का प्रावधान है। इस विधेयक के कानून बनने की संभावना लगभग न के बराबर है क्योंकि सीनेट का ध्यान मनसिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों में सुधार लाने, सामाजिक सुरक्षा मजबूत करने और पृष्ठभूमि की जांच बढ़ाने पर केंद्रित है।
सदन के इस विधेयक से डेमोक्रेटिक सांसदों को नवंबर में मतदाताओं के लिए एक नीति तैयार करने का मौका मिलेगा, जहां वे अपनी नीतियों को पेश कर सकते हैं। सदन की एक समिति में हाल में हुई गोलीबारी के पीड़ितों और परिवार के सदस्यों की हृदय विदारक गवाही के बाद यह विधेयक पारित किया गया है। गवाहों में 11 साल की लड़की मियाह सेरिलो भी शामिल रही, जिसने उवाल्दे के एलीमेंट्री स्कूल में अपने मृत सहपाठी का खून अपने शरीर पर लगा लिया ताकि वह गोली मारे जाने से बच जाए। सदन की नेता नैंसी पेलोसी ने कहा, यह घिनौना है, यह घिनौना है कि हमारे बच्चों को लगातार डर के माहौल में जीने के लिए मजबूर किया जा रहा है।