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निर्भया के पिता बोले, दरिंदे को यूपी आने से रोका जाय

rape-567c268e92fcf_exlst‘लखनऊ में आप इतने सारे लोग हमारी बिटिया के लिए इकट्ठे हुए हैं, हमें यह देखकर खुशी हो रही है। राज्यसभा ने नया कानून भी बना दिया, वह अच्छा है, लेकिन बिटिया को पूरा इंसाफ नहीं मिला है। हमें नाबालिग सहित सभी दोषियों को फांसी से कम कुछ भी मंजूर नहीं है।’

देश की सामूहिक चेतना को झकझोर देने वाले दिल्ली के निर्भया दुराचार कांड में बेटी गंवा चुके माता-पिता ने गुरुवार को ‘अमर उजाला’ से बातचीत में अपनी पीड़ा इन शब्दों में बयां कीं। नाबालिग की रिहाई के विरोध में बी-अवेयर फाउंडेशन की ओर से आयोजित ब्लैक डे में शामिल होने वे लखनऊ पहुंचे थे।

उन्होंने कहा, बिटिया के साथ जिसने निर्मम दुराचार किया, उसे मरने के लिए छोड़ दिया, उसका नाम तक हम नहीं जानते। हम इसी प्रदेश के नागरिक हैं और वह भी इसी प्रदेश का है, लेकिन हम नहीं चाहते कि वह लौट कर यूपी आए।

उसने पूरी दुनिया के सामने यूपी का नाम खराब किया है, उसे इस धरती पर पांव रखने का कोई अधिकार नहीं है। इन कडे़ शब्दों में उन्होंने अपनी बिटिया के नाबालिग हत्यारे को यूपी में आने से रोकने की मांग प्रदेश की सरकार और नागरिकों से की।

निर्भया के पिता ने कहा, चार दिन बाद बेटी को मरे तीन साल हो जाएंगे और चार दिन पहले ही उसका हत्यारा छोड़ दिया गया। यह कैसा इंसाफ है?

नाबालिग की रिहाई से समाज में बेहद गलत संदेश गया है। उसकी जैसी मानसिकता वाले नाबालिगों का दुस्साहस इससे बढ़ेगा। निर्भया की मां ने कहा कि सरकार ने उसे रिहा करके कानून का भले ही पालन किया, लेकिन कोई भी नागरिक नहीं चाहता कि ऐसा व्यक्ति उस समाज का हिस्सा बने जिसमें वे रहते हैं।

नाबालिग ने निर्भया के साथ जो बर्बरता की, उसके लिए कोई भी कानून उस पर कैसे रहम दिखा सकता है?

दिल्ली सरकार के बर्ताव से दुख पहुंचा
निर्भया के पिता ने कहा कि नाबालिग को रिहाई के बाद दिल्ली सरकार द्वारा उसे मदद के तौर पर 10 हजार रुपये व सिलाई मशीन देने और अन्य आश्वासनों ने उन्हें बेहद दुख पहुंचाया है। एक घोषित दुराचारी को मदद की बात कोई सरकार सोच भी कैसे सकती है?

समाज से : 29 दिसंबर को निर्भया की मौत के तीन साल पूरे हो रहे हैं। उसका सभी लोग सपोर्ट करें। सोशल मीडिया पर अपनी भावनाएं व्यक्त करने के साथ ही अपने जनप्रतिनिधियों को नाबालिग को जेल में डालने के लिए पत्र लिखें।

अपने आसपास किसी लड़की से अन्याय होते देखें तो उसकी मदद करें। केंद्र सरकार से आरटीआई के तहत नाबालिग की जानकारी लें और नए जुवेनाइल जस्टिस बिल 2015 में जघन्य अपराध करने वालों की पहचान जाहिर करने की मांग करें।

सरकार से : सरकार कानूनों का सख्ती से पालन करे और पुलिस लड़कियों और महिलाओं के मामलों में संवेदनशीलता बरते। उनकी शिकायतों को सुनें।

कानून से : महिलाओं से अपराध करने वालों पर सख्ती बरते। निर्भया के मामले में नाबालिग पर वाजिब कार्रवाई की जाए। मौजूदा कार्रवाई से हम पूरी तरह असंतुष्ट हैं।

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