ईरान और ताइवान ने भारतीय चाय की डिलीवरी लेने से क्यों कर दिया इनकार ? जानिए क्या हैं दिक्कतें
नई दिल्ली : ऐसे समय में जब भारतीय चाय निर्माता संकटग्रस्त श्रीलंका में गिरते चाय उत्पादन के बीच भारतीय चाय की निर्यात बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं, उस वक्त कुछ देशों ने भारतीय चाय की खेप को खरीदने से इनकार कर भारत को बड़ा झटका दिया है। ताइवान और ईरान ने भारतीय चाय की खेप को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है और गेहूं विवाद के बाद भारतीय चाय पर आरोप लगना हमारे लिए एक बड़ा झटका है। ईरान और ताइवान ने किया अस्वीकार दो देशों, ईरान और ताइवान ने फाइटोसैनिटरी मुद्दों और कीटनाशकों की उपस्थिति का हवाला देते हुए भारतीय चाय के तीन कंटेनरों को खारिज कर दिया है। मिंट अखबार ने दो स्रोतों के हवाले से बताया है कि, ‘दो कंटेनर ताइवान से और एक ईरान से वापस भेज दिया गया है। ताइवान ने बताया कि, भारतीय चाय में मेक्सिमम रेसिड्यू लेवल (MRL) ज्यादा पाया गया है’।
चाय क्यों रिजेक्ट हो रही है?
चाय में एमआरएल लेवल की अधिकता तब होती है, जब कीटनाशकों का इस्तेमाल किया जाता है। रिपोर्ट के मुताबिक, निर्यातकों का कहना है कि, जिन कंटेनरों को लेने से इनकार कर दिया गया है, उन कंटेनरों में क्विनालफॉस की मात्रा स्वीकृत मात्रा से ज्यादा मिली है। व्यापारिक मानक स्तरों के मुताबिक, एमआरएल यह सुनिश्चित करने में मदद करते हैं, कि अवशेष स्तर उपभोक्ताओं के लिए उत्पाद जोखिम पैदा न करें। अब तक, भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने 34 कीटनाशकों के लिए MRL को अधिसूचित किया है।
जब एक स्वतंत्र प्रयोगशाला में इन चाय कंटेनरों का परीक्षण किया गया, तो अप्रैल से मध्य मई तक चाय की खेपों में एमआरएल एफएसएसएआई द्वारा निर्धारित सीमा से अधिक पाया गया और इसलिए ताइवान और ईरान ने इन चाय कंटेनरों को स्वीकार करने से इनकार कर दिया। मिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, एक अधिकारी ने बताया कि, ईरान ने जिस चाय कंटेनर को रिजेक्ट किया है, उसके पीछे चाय उत्पादक की गलती नहीं है, बल्कि एक्सपोर्टर की गलती है’।
एमआरएल लेवल बढ़ने की वजह इंडियन टी एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन (आईटीईए) के अध्यक्ष अंशुमान कनोरिया ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि, भारतीय निर्यातक चाय के लिए एफएसएसएआई मानदंडों के अनुरूप हैं। हालाँकि, कई देश यूरोपीय संघ के मानकों की विविधताओं का पालन करते हैं, जो FSSAI नियमों से ज्यादा कठोर हैं। भारतीय चाय बोर्ड के एक पूर्व अधिकारी ने मिंट को बताया कि, रासायनिक क्विनालफोस (कीटनाशक) के लिए, भारत में एमआरएल 0.01 मिलीग्राम प्रति किलोग्राम है, जो दुनिया के सबसे सख्त मानकों में से एक है। जापान के लिए मानक 0.1 और यूरोपीय संघ के लिए 0.7 है।