असम में भारी बाढ़ और भूस्खलन में 73 लोगों की मौत, 5137 गांव प्रभावित
गुवाहाटी. असम (Assam) में बाढ़ (Floods) की स्थिति सोमवार को गंभीर बनी हुई है। राज्य के 35 में से 33 जिलों में लगभग 43 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। राज्य में भारी बाढ़ और भूस्खलन (Landslides) में मरने वालों की संख्या सोमवार को बढ़कर 73 हो गई। जिसमें से 11 की मौत पिछले 24 घंटे में भूस्खलन से हुई है। मरने वालों में नागांव जिले के एक पुलिस थाने के प्रभारी सहित दो पुलिस कर्मी भी शामिल हैं, जो फंसे हुए लोगों की मदद के लिए गए थे, लेकिन पानी में बह गए। उनके शव सोमवार तड़के निकाले गए। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने उन क्षेत्रों में भोजन और अन्य राहत सामग्री को हवा से गिराने का निर्देश दिया, जहां भारी बाढ़ है।
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के एक बुलेटिन के अनुसार, राज्य पिछले एक सप्ताह से विनाशकारी बाढ़ से जूझ रहा है, जिसमें 127 राजस्व मंडल और 33 जिलों के 5,137 गांव प्रभावित हैं। करीब 1.90 लाख लोगों ने 744 राहत शिविरों में शरण ली है। शिविरों में नहीं जाने वाले प्रभावित लोगों को 403 अस्थायी केंद्रों से राहत सामग्री वितरित की गई है। अधिकारियों ने बताया कि एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और अन्य एजेंसियों ने अब तक करीब 30,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है।
केंद्रीय जल आयोग के बुलेटिन के अनुसार, कोपिली नदी नगांव जिले के कामपुर में और ब्रह्मपुत्र नदी निमाटीघाट, तेजपुर, गुवाहाटी, कामरूप, गोलपारा और धुबरी में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। सुबनसिरी, पुथिमारी, पगलाडिया, मानस, बेकी बराक और कुशियारा नदियां भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
बुलेटिन के अनुसार, पिछले 24 घंटे में बारपेटा, कछार, दरांग, गोलपारा, कामरूप (मेट्रो), करीमगंज, नलबाड़ी और उदलगुरी के शहरी इलाकों से बाढ़ की सूचना मिली है, जबकि कछार, दीमा-हसाओ, गोलपारा, हैलाकांडी, कामरूप (एम) और करीमगंज जिलों में भारी बारिश से भूस्खलन हुआ है। काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) में आठ जानवर – सात हिरण और एक तेंदुए की डूबने और वाहन की चपेट में आने से मौत हो गई है। केएनपी अधिकारी ने बताया कि वन अधिकारियों ने आठ हिरन और एक अजगर सहित दस अन्य को बचाया है।