51 अरब तक पहुंचा रामनाम महामंत्र
करीब 28 साल पहले अजमेर के पुलिस लाइन स्थित श्रीराम मंदिर में बोया गया पहला श्रीराम नाम महामंत्र का बीज वटवृक्ष से भी विशाल बन चुका है। कुछ साधकों की तपस्या एवं साधना से सिंचित इस कालचक्र में कई उतार-चढ़ाव के बावजूद आस्था डगमगाई नहीं। इस छोटे से कालखंड में देश के करीब 84 शहरों के माध्यम से अब तक करीब 51 अरब श्रीराम नाम महामंत्र का रामनाम-धन संग्रह हो चुका है। आजाद पार्क में चल रही श्रीरामनाम महामंत्र परिक्रमा में जहां आस्था एवं श्रद्धा का सैलाब उमड़ रहा है वहीं उत्सुकता भी है।
बालकृष्ण पुरोहित के अनुसार शहर के पुलिस लाइन क्षेत्र के कुछ लोगों ने सात दिसम्बर 1982 को श्रीराम पारायण मंडल बनाया था। मंडल के लोग मात्र सवा रुपए की भेंट लेकर पुलिस लाइन स्थित श्रीराम मंदिर और लोगों के घरों में प्रत्येक मंगलवार को अखंड रामायण पाठ करते थे। वर्ष 1987 में पुरोहित ने कुछ साथियों के साथ रामनाम बैंक की स्थापना की। ‘श्रीराम नाम बीजम्Ó, ‘एहि मह रघुपति राम उदाराÓ चौपाई में राम-नाम का सार समझते हुए उन्होंने दुर्गाशंकर गर्ग के माध्यम से श्रीराम नाम धन संग्रह (बैंक) की कॉपियां छपवाकर अपने साथियों से भरवाना शुरू कर दिया। पहले वर्ष में छह करोड़ नाम-नाम के लक्ष्य रखा जो सवा करोड़ तक पूरा हुआ।
84 शहरों में जगाई जोत
बैंक की देश के विभिन्न शहर-कस्बों में करीब 84 शाखाएं स्थापित की गई। इनके माध्यम से श्रीराम नाम धन (संग्रह) बैंक की कॉपियां छपवाकर घरों, आस्थावान व्यक्तियों तक पहुंचाई गई। इसमें कारवां जुड़ता चला गया। एक कॉपी में करीब 28000 रामनाम महामंत्र लिखे गए हैं।
पुष्कर में बनेगा अनूठा स्तंभ
आजाद पार्क में श्रीराम नाम धन संग्रह परिक्रमा के बाद जल्द ही भविष्य में संतनगरी बनने जा रहे पुष्कर में रामनाम महामंत्र स्तंभ का निर्माण किया जाएगा। स्तंभ में सभी रामनाम महामंत्र होंगे। यह विश्व का एकमात्र और अनूठा स्तंभ होगा।
मंत्र स्तंभ की मिली प्रेरणा
पुरोहित बताते हैं कि वर्ष 1987 में श्रीराम सुखदास के अजमेर आगमन पर रामनाम महामंत्र को लेकर चर्चा कर भविष्य की योजना तैयार हुई। संत ने महामंत्र संगृहीत कर मंत्र स्तम्भ बनाने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा जो भी व्यक्ति इसकी परिक्रमा करेगा उसे मोक्ष प्राप्त होगा। अगर गलती से पक्षी, जानवर भी इसके चारों ओर परिक्रमा से गुजरेंगे तो उन्हें भी मोक्ष मिलेगा।
अखंड पाठ में बनाई पहचान
मंडल से जुड़े मदनसिंह ने स्कूली शिक्षा मात्र छह माह ही ली। लेकिन मंडल से जुड़कर वे अखंड रामायण पाठ एवं रामनाम महामंत्र यज्ञ में जुट गए। पुलिस लाइन में लांगरी रहे मोड सिंह, मदन जैलिया, रामसिंह चौहान, कृष्णमोहन शर्मा, राजेश कौशिक, गुरुदत्त शर्मा का भी मंडल व रामनाम बैंक के प्रति विशेष प्रयास रहा।
5वें दिन परिक्रमा के लिए उमड़े श्रद्धालु
अजमेर. 51 अरब हस्तलिखित राम नाम परिक्रमा महोत्सव के 5वें दिन श्रद्धालु उमड़ पड़े। कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के क्षेत्रीय कार्यवाह हनुमान सिंह राठौड़ ने कहा कि लोगों की हत्या कर लूट की सोने की लंका बनाते हैं तो उसका परिणाम जलकर राख होना होता है। उन्होंने कहा कि विश्व में भारत ही एक मातृ देश है जहां नारी को मां के समान माना है। कार्यक्रम संयोजक सुनिल दत जैन ने बताया कि आज चेतन्य महाप्रभु भक्त मंडल के वाद्य यंत्रों एवं संगीतमय धुनों के साथ हजारों रसिक राम भक्तों ने मर्यादा पुरुषोतम भगवान राम के नाम की परिक्रमा की। सहसंयोजक उमेश गर्ग ने बताया कि तुलसी पूजन दिवस पर तुलसी महारानी का पूजन व परिक्रमा की गई। मुख्य यजमान हरनारायण सिंह, महेश हेड़ा थे। सहसंयोजक कंवल प्रकाश ने बताया कि श्याम शरणागत मंडल के डॉ. स्वतंत्र शर्मा एवं साथियों द्वारा सुन्दरकाण्ड का संगीतमय पाठ किया गया।
कार्यक्रम में महापौर धर्मेन्द्र गहलोत, हेमा गहलोत, सेवा भारती के मोहन गुप्ता, यजमान गोपाल गोयल, सीताराम बंसल, तेजेश्वर देवेश्वर प्रसाद इत्र वाले, अखिल गोयल एवं राम नाम के साधक कल्पना अग्रवाल, दिनेश कुमार सोमाणी, बसन्ती मालू, गिरीराज जोशी, विनोद कुमार टॉंक, भंवरलाल पाठक, अर्चला शिवहरे, सावन राम सिंहल, रामगोाल, मोहनी देवी गुप्ता का अभिनंदन एवं स्वागत किया। इस्कान मन्दिर के भक्त परिवार ने भगवान हरिनाम का संकीर्तन किया एवं श्रीमद्भागवत गीता का सामूहिक पाठ किया।