पूर्णिया. बिहार किशनगंज में सात नवंबर को युवक की हिरासत में मौत मामले में बिहार और उत्तर प्रदेश की पुलिस आमने सामने है. अखलाक की हिरासत में मौत के मामले में किशनगंज के पुलिस अधीक्षक ने यूपी पुलिस के दो जवानों सहित बिहार पुलिस के दो चौकीदारों और युवती के दादा प्रेम कुमार त्यागी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.इस मामले में उस वक्त नया ट्विस्ट आ गया है जब अखलाक द्वारा यूपी के गाजियाबाद से भगा कर लाई गई युवती ने छत्तरगाछ ओपी प्रभारी पर दुष्कर्म का आरोप लगाया और दो दिनो पहले यूपी की मुरादनगर पुलिस ने इस संबंध में बिहार के एक पुलिस सब-इंस्पेक्टर सहित दो लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई.यूपी पुलिस ने किशनगंज के छतरगाछ ओपी के प्रभारी हरेश तिवारी को दुष्कर्म का मुख्य आरोपी बनाते हुए मृतक युवक अख़लाक के भाई सुबहान और उसकी मां को भी मामले में दोषी बनाया है.अख़लाक की पुलिस हिरासत में मौत के मामले में यूपी के मुरादनगर थाने के पुलिस सब-इंपेक्टर शिवलाल प्रेमी, दो सिपाही कुलदीप सिंह और किशनगंज पुलिस के दो चौकीदार बाबूलाल और शशिकुमार राय सहित पांच को बिहार पुलिस ने पहले ही हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.बताते चलें कि यूपी और बिहार पुलिस ने युवक और युवती को गिरफ्तार कर छतरगाछ थाना में न रखकर उसे बगल के एक सामुदायिक भवन में 6 नवंबर की रात में रखा था जिसकी सुबह हथकड़ी के साथ ही युवक की मौत हो गई थी.गौरतलब है कि मुरादनगर की युवती चांदनी किशनगंज के छतरगाछ के अख़लाक नामक युवक के प्रेम में फंसकर बिहार आ गई थी. फिलहाल ये मामला बिहार और यूपी पुलिस के लिए नाक का सवाल बन गया है.एक पर युवक को मारने तो दूसरे पर युवती के साथ दुष्कर्म करने का आरोप है.