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स्टेट पैरा बैडमिंटन टूर्नामेंट में गोल्ड जीतने के बाद अब नेशनल खेलेगी दिव्यांग स्वाति
जालौन से दस्तक टाइम्स के लिए पुष्पेंद्र द्विवेदी की रिपोर्ट : “मंजिल उन्हीं को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है पंखों से कुछ नही होता हौसलों में उड़ान होती हैं मंजिल उन्ही को मिलती है” यह बात को साबित कर दिखाया है स्वाति सिंह ने स्वाति जालौन के एक छोटे गांव की रहने वाली है और हाल में ही उन्होंने लखनऊ में अयोजित हुई पैरा बैडमिंटन टूर्नामेंट में गोल्ड मैडल हासिल कर जिले का नाम रोशन किया है। स्वाति स्टेट जीतने के बाद वह नेशनल जीतने की तमन्ना रखती है। कमाल की बात है कि स्वाति दिव्यांग हैं और बिना कोच और ट्रेनिग के ही गोल्ड जीता है। स्वाति सिर्फ एक हाथ के अपने सारे जरूरी काम करती है उनका कहना है कि अगर जज्बा हो तो दिव्यांगिता मायने नहीं रखती।
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