बिलासपुर : छत्तीसगढ उच्च न्यायालय की एकल पीठ जस्टिस आरसीएस सामन्त ने आबकारी आरक्षकों के तबादलों पर राज्य के प्रमुख सचिव ,अवर सचिव और कमिश्नर आबकारी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। उल्लेखनीय है कि आबकारी विभाग ने 23 जून से बिलासपुर ,दुर्ग सरगुजा और बस्तर संभाग में आबकारी आरक्षको का स्थानांतरण आदेश 24 जून को जारी किया था। कोर्ट ने राजेन्द्र दवे की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह नोटिस जारी की।
आबकारी विभाग द्वारा जारी की गई तबादला सूची में बिलासपुर से 71 कर्मचारी शामिल थे। इनमें 22 आरक्षको का बिलासपुर जिले से बाहर ,3 आरक्षकों का जिले के उड?दस्ता से अन्य जिले में ,छह का जिले से बाहर, जांजगीर-चांपा जिले के 17 आबकारी आरक्षकों का जिले से बाहर, कोरबा के 9 आरक्षकों का जिले से बाहर और रायगढ़ के 14 आरक्षकों को जिले से बाहर स्थानांतरित किया गया। दुर्ग डिवीजन के 31 में से दुर्ग के 11 आरक्षकों को दुर्ग जिले से बाहर, राजनांदगांव के 10 को राजनांदगांव जिले से बाहर, बेमेतरा के 3 को बेमेतरा जिले से बाहर, कबीरधाम के दो को कबीरधाम जिले के बाहर, बालोद के 5 को बालोद जिले से बाहर, बेमेतरा के तीन को बेमेतरा जिले से बाहर स्थानांतरित किया।
बस्तर संभाग से 41, सरगुजा संभाग से 48, जशपुर के 6 को जिले से बाहर इस तरह 191 आरक्षकों का ट्रांसफर किया गया। उपरोक्त सभी ट्रांसफर आर्डर को राजेंद्र दवे ने हाईकोर्ट के समक्ष अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी ,संदीप सिंह और नरेंद्र मेहेर माध्यम से चुनौती दी गई। याचिका में बताया गया कि वर्तमान में प्रचलित राज्य शासन द्वारा 27 जून 2019 को जारी स्थानांतरण नीति के पद खंड 2.13 में उल्लेख है कि तृतीय श्रेणी कर्मचारियों के मामले में अधिकतम 10त्न और आपसी सहमति से स्वयं के व्यय पर करवाए गए स्थानांतरण की गणना उक्त सीमा में नहीं की जावेगी। मामले की सुनवाई जस्टिस आरसीएस सामन्त की बेंच में हुई।
सुनवाई कर हाईकोर्ट ने प्रमुख सचिव ,अवर सचिव और कमिश्नर आबकारी को नोटिस जारी किया है। सुनवाई के दौरान अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी ने जानकारी दी कि रायपुर संभाग के 36 आरक्षकों का स्थानांतरण किया है जिसमें कि पूरे प्रदेश के कुल 227 आरक्षकों का तबादला किया गया है जो कि कुल संख्या का 88 प्रतिशत है।