नई दिल्ली : करेला (Bitter gourd ) में कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं। स्वाद में कड़वा करेला कई तरह के स्वास्थवर्धक होता है। इसमें प्रचूर मात्रा में विटामिन A, B और C पाए जाते हैं। इसके अलावा बीटाकैरोटीन, कैरोटीन, आइरन, लूटीन, जिंक, पोटैशियम, मैग्नीशियम ,मैगनीज और फाइबर पाए जाते हैं। इसके सेवन से वजन कम होने के साथ-साथ कई और बीमारियों को खुद से दूर रख सकते हैं।
मस्तिष्क को रखता है हेल्दी
लोग वैसे तो करेल को पका कर खाते हैं। लेकिन ताजा करेले का जूस काफी पौष्टिक होता है। न्यूट्रिशन एक्सपर्ट की मानें तो करेले में विटामिन सी होता है। इसके साथ एंटी ऑक्सिडेंट होता है। इससे इम्यूनिटी पावर बढ़ता है। मस्तिष्क हेल्थ और ऊतक उपचार में अहम भूमिका निभाता है। हर रोज खाली पेट एक गिलास करेले का जूस लेना चाहिए।
शर्करा के स्तर को नियंत्रित करता है
करेला में ऐसे घटक ( components) होते हैं जो शरीर में ग्लूकोज को कम करने में मदद करते हैं। इसमें अच्छे हाइपोग्लाइसेमिक गुण होते हैं जो ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में हेल्प करते हैं।
करेला में फाइबर पाया जाता है और कैलोरी कम होने की वजह से वजन घटाने में मदद मिलती है। फाइबर का एक समृद्ध स्रोत और कैलोरी में कम होने के कारण, विशेषज्ञों ने कहा कि यह वजन यह हमें लंबे समय तक पेट को भरा रखता है और इसलिए ज्यादा खाने से बच जाते हैं। विटामिन ए से भरपूर होने के कारण यह आंखों और त्वचा के स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा है। यह रक्त से विषाक्त पदार्थों को कम करने, कोलेस्ट्रॉल को कम करने और आंत के स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा होता है।
ब्लड प्यूरीफायर करता है
आयुर्वेद के अनुसार, ताजा करेले का रस लीवर को डिटॉक्सीफाई करने के अलावा अग्नाशय के कैंसर को भी रोक सकता है। यह मधुमेह रोगियों के लिए भी वरदान है।
करेले के जूस का सेवन करने का सही समय क्या है?
नाश्ते से पहले करेले का एक गिलास जूस खाली पेट लेने का सही वक्त होता है। हालांकि 30 मिलीलीटर से ज्यादा सेवन नहीं करना चाहिए।
कैसे बनाए करेले का जूस
एक करेले को काटकर थोड़े पानी के साथ पीस लें। इसके बाद इसे छान लें। इसे टेस्टी बनाने के लिए नींबू और काला नमक डाल लें।
ये लोग करेले का जूस ना पीएं
गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को जूस से बचना चाहिए। मधुमेह के रोगियों को अपनी दवाओं के साथ जूस का सेवन करते समय सावधान रहना चाहिए क्योंकि इसमें हाइपोग्लाइसेमिक गुण होते हैं, जो उनके शुगर के लेबल को काफी कम कर सकते हैं।