गिरते रुपये को संभलाने के लिए आरबीआई ने किया विदेशी मुद्रा भंडार का इस्तेमाल
नई दिल्ली : डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत लगातार गिरती जा रही है। बुधवार को यह 79 प्रति डॉलर के मनोवैज्ञानिक स्तर से भी नीचे गिर गया। यह रुपये का अबतक का सर्वकालिक निचला स्तर है। यूक्रेन के खिलाफ रूस का हमला शुरू होने के बाद से भारतीय रिजर्व बैंक ने रुपये को समर्थन देने के लिए अपने विदेशी मुद्रा भंडार का इस्तेमाल किया है।
इस वजह से 25 फरवरी के बाद से भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 40.94 अरब डॉलर की गिरावट आ चुकी है। रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर माइकल डी पात्रा ने पिछले हफ्ते कहा था कि केंद्रीय बैंक रुपये में ज्यादा उतार-चढ़ाव नहीं होने देगा और हाल में भारतीय मुद्रा को सबसे कम नुकसान उठाना पड़ा है।
रूस-यूक्रेन युद्ध छिड़ने के बाद से आर्थिक वृद्धि को लेकर चिंताएं बढ़ने, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें बढ़ने, मुद्रास्फीति के स्तर में हो रही वृद्धि और केंद्रीय बैंकों के ब्याज दरें बढ़ाने के रुख से डॉलर के मुकाबले दुनिया की अधिकांश प्रमुख मुद्राओं की स्थिति कमजोर होती जा रही है।
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये के मूल्य में लगातार आ रही गिरावट के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि भारतीय मुद्रा दुनिया की अन्य मुद्राओं की तुलना में डॉलर के बरक्स कहीं बेहतर स्थिति में है।सीतारमण ने यहां कारोबार सुगमता रैंकिंग जारी करने के दौरान कहा कि हम एक बंद अर्थव्यवस्था नहीं हैं। हम वैश्वीकृत अर्थव्यवस्था का हिस्सा हैं। ऐसे में वैश्विक घटनाक्रम का हम पर असर पड़ेगा।