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मुंबई के 74 फीसदी पुलिसकर्मियों ने साल भर में नहीं चलाई एक भी गोली

mumbai-police-650-generic_650x400_51427804343मुंबई: मुंबई पुलिस फोर्स के 74 फीसदी पुलिसकर्मियों ने एक साल में गोली नहीं चलाई है, ये खुलासा हुआ है लोकल आर्म्स डिपार्टमेंट की रिपोर्ट से। ये रिपोर्ट किसी भी आतंकी हमले के मद्देनजर मुंबई पुलिस की तैयारियों पर गंभीर सवाल खड़े करती है।

नियमों का नहीं हुआ पालन
रिपोर्ट के मुताबिक मुंबई पुलिस के 42000 अधिकारियों कर्मचारियों में से महज 11000 ने साल 2015 में फायरिंग रेंज में प्रैक्टिस की है। नियमों के मुताबिक हर कॉन्स्टेबल को साल भर में कम से कम 60 राउंड गोलियां प्रैक्टिस रेंज में चलानी होती हैं, सब इंस्पेक्टर के लिए कम से कम 30। अगर इसका पालन होता तो घाटकोपर रेंज में इस साल 24.6 लाख राउंड फायरिंग होती, हुई सिर्फ 3.33 लाख।

काम का दबाव और फायरिंग रेंज की खस्ता हालत है वजह
इस मामले पर सवाल पूछने पर मुंबई पुलिस के प्रवक्ता डीसीपी धनंजय कुलकर्णी ने कहा, ‘इस साल पर्व त्योहार और बाकी के बंदोबस्त की वजह से प्रैक्टिस ठीक से नहीं हो पाई लेकिन जनवरी-फरवरी के महीने में हम इसकी भरपाई कर देंगे।’ लेकिन सवाल सिर्फ कम फायरिंग का नहीं है, एके-47 जैसे हथियार फायरिंग रेंज में चले ही नहीं। ज्यादातर पुलिसकर्मी ऑफ द रिकॉर्ड कहते हैं, इसकी बड़ी वजह है काम का दबाव और फायरिंग रेंज की खस्ता हालत।

तैयारियों पर गंभीर सवाल
घाटकोपर फायरिंग रेंज को बेहतर बनाने के लिए 12 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए थे, खर्च हुए 2 करोड़। इस बारे में कुलकर्णी ने कहा, ‘फोर्स नायगांव रेंज में भी प्रैक्टिस कर रही है, घाटकोपर को लेकर कुछ दिक्कतें हैं लेकिन इसे भी ठीक कर लिया जाएगा।’ बहरहाल दावे चाहे जो हों, लोकल आर्म्स डिविजन की ये रिपोर्ट 26/11 जैसे आतंकी हमले की सूरत में मुंबई पुलिस की तैयारियों पर गंभीर सवाल खड़े करती है। ख़ासकर उस फोर्स पर जो ऐसे हमलों के वक्त सुरक्षा की पहली दीवार है।

 

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