मंगल का संयोग शनि और शुक्र के साथ हुआ तो शादीशुदा जिंदगी पर डालता है असर
नई दिल्ली : आधुनिक जीवन में कई लोग ऐसे हैं तो ग्रह-नक्षत्रों के प्रभाव को मानते ही नहीं। उनके लिए यह सिर्फ किताबी बातें हैं जिसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं। खासकर शादी-ब्याह जैसे मौकों पर तो आज की नौजवान पीढ़ी जन्म-कुण्डली के संयोग को निरा बकवास मानती है। पर जिन्हें सितारों की चाल पर भरोसा है वे जानते हैं कि ग्रह-नक्षत्रों की चाल में मामूली से मामूली बदलाव भी दांपत्य जीवन को किस कदर तबाह और बर्बाद कर सकती है।
अगर आपकी कुण्डली में शनि की स्थिति ठीक नहीं तो आपको शादीशुदा जिंदगी में कई तरह की मुश्किलों से जूझना पड़ सकता है। शनि का दुष्प्रभाव आपके अंदर वैराग की भावना को प्रबल कर अपने जीवनसाथी से सदा के लिए दूर कर सकता है। अगर शनि की चाल ठीक नहीं तो न सिर्फ आपकी शादी में रुकावट खड़ी हो सकती है बल्कि लंबे वक्त तक कुंवारा रहना पड़ सकता है।
ज्योतिषशास्त्र की मानें तो अगर आपकी जन्मपत्री में शनि सातवें या आठवें घर में बैठा है तो आपकी शादी देर से हो सकती है। अगर सातवें घर में शनि के साथ-साथ शुक्र भी बैठा हो तो आपके अंदर काम की भावना प्रबल जाती है। ऐसी हालत में इंसान बिना विचार किए ही विपरीत स्वभाव वाला जीवनसाथी चुन लेता है। इस अवस्था में प्रेम विवाह की संभावना अधिक हो जाती है।
वैसे तो मंगल स्वभाव से ही मंगलकारी होता है। पर अगर मंगल का संयोग शनि और शुक्र के साथ हुआ तो आपकी शादीशुदा जिंदगी बेहद कष्टकारी हो सकती है। ऐसे लोगों के जीवन में एक्सट्रा मैरिटल अफेयर यानी अपने पार्टनर के सिवा किसी दूसरे से संबंध बनने की आशंका बढ़ जाती है। हालात इतने बिगड़ सकते हैं कि वैवाहिक जीवन में भारी तनाव और तलाक की नौबत भी आ सकती है। इतना नहीं नहीं अगर आपकी जन्मपत्री में सातवें घर में शनि के साथ चन्द्रमा हुआ तो भी जीवनसाथी से संबंध खराब हो सकते हैं।
जिसकी कुण्डली में शनि सातवें घर में अपनी नीच राशि मेष में है उसका विवाह बड़े उम्र के व्यक्ति से होता है। बता दें कि शनि और सूर्य आपस में शत्रु हैं। अगर आपकी कुण्डली में ये दोनों ग्रह साथ में सातवें घर में बैठे हों तो शादी में देरी होती है। साथ ही वैवाहिक जीवन में अक्सर तनाव और मतभेद बना रहता है। इससे दांपत्य जीवन का सुख प्रभावित होता है।
जन्मपत्री में शनि अगर उच्च राशि यानी तुला या स्वराशि कुंभ या मकर में बैठा हो तो परिणाम सुखद भी देता है। आठवें घर में बैठा शनि शुभ होने पर व्यक्ति को ससुराल पक्ष से धन और सहयोग मिलता है। साथ ही दांपत्य जीवन में प्रेम और सहयोगपूर्ण संबंध बना रहता है।