पैर चलेंगे तो दिमाग भी चलेगा…
इस बात को पढ़ने के बाद नियमित रूप से वॉक करने वाले या दौड़ने वालों का हौसला बुलंद हो जाएगा। वहीं जो लोग अब तक सुबह या शाम वॉक करने का रूटीन नहीं बना पाए या उसे टालते रहे वे शायद इस बारे में गंभीरता से विचार करने लगें। शोध बता रहे हैं कि जो लोग नियमित रूप से वॉक करते हैं उनके मस्तिष्क पर भी इसका पॉजिटिव असर पड़ता है। इसलिए वॉक है खास विशेषज्ञों से लेकर फिटनेस के क्षेत्र से जुड़े लोगों तक, सभी पैदल चलने को सबसे बढ़िया व्यायाम मानते हैं। इसकी सबसे खास बात यह है कि इसे किसी भी उम्र का कोई भी व्यक्ति (जब तक कि उसके चलने पर ही रेस्ट्रिक्शन न हो) आसानी से अपना सकता है। हार्ट की किसी सर्जरी से गुजरने वालों से लेकर एक्सीडेंट में फ्रैक्चर के बाद ठीक हो रहे मरीजों और हड्डियों से संबंधित कई रोगों के पीड़ित तक पैदल चलने को नियमित तौर पर रूटीन में शामिल कर सकते हैं। चलने का तरीका और गति जरूर डॉक्टर या किसी विशेषज्ञ के मार्गदर्शन के अनुरूप हो सकती है। मगर, इस एक्सरसाइज का लाभ सभी ले सकते हैं। इससे भी बड़ी बात यह कि इससे केवल पैरों को नहीं, बल्कि पूरे शरीर को लाभ मिलता है और यह हर उम्र में फिट रहने के लिए भी किया जा सकता है। दिमाग को मिलती गति मनुष्य के दिमाग पर उम्र के बढ़ने का स्पष्ट प्रभाव पड़ता है। उस पर अनियमित जीवनशैली और बढ़ता प्रदूषण भी दिमाग की सेहत बिगाड़ने में भूमिका निभाता है। ऐसे में व्यायाम और पोषक खान-पान उम्र के साथ दिमाग पर पड़ने वाले प्रभाव को कुछ और सालों तक आने से रोक सकता है। लंदन की एक यूनिवर्सिटी में हुआ यह शोध भी इसी बात की पुष्टि करता है। यह शोध कहता है कि पैरों के ताकतवर होने से दिमाग की कार्यप्रणाली पर भी सकारात्मक असर पड़ता है। इसके पूर्व विशेषज्ञ इस बात को भी साबित कर चुके हैं व्यायाम की नियमितता, शरीर में ऐसे हॉर्मोन्स के उत्पादन को बढ़ाती है जो नर्व सेल्स में वृद्धि करते हैं। यानी कि रोज वॉक करना या पैदल चलना भी दिमाग को सुचारू रूप से काम करने को प्रेरित कर सकता है। ऐसे उठाएं पैरों का लाभ पैदल चलने की एक्सरसाइज से मिलने वाला यह लाभ और भी बढ़ सकता है अगर खान-पान में संतुलन रखा जाए सुबह ताजी हवा में वॉक किया जाए वॉक करते समय नाक से सांस लेने की ज्यादा कोशिश की जाए किसी हरियाली वाली जगह पर वॉक किया जाए रोज कम से कम एक घंटा सुबह-शाम टहला जाए चलते समय सही जूतों का इस्तेमाल किया जाए सुबह और शाम तेज और रात के खाने के बाद धीमी गति से टहला जाए