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उत्तर प्रदेश में मस्जिद के बाहर लगे पोस्टर “पाकिस्तानी तंजीम दावत-ए-इस्लामी के लोगों का आना मना है”

पीलीभीत : उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में मस्जिद के बाहर लगे पोस्टर वायरल हो रहे हैं. दरअसल जिले के काजी और मौलाना जरताब रजा खान ने मस्जिदों और मदरसों में दावत-ए-इस्लामी संगठन के खिलाफ पोस्टर लगवा दिए हैं. इन पोस्टरों पर लिखा है कि दावत-ए-इस्लामी लोगों का यहां आना सख्त मना है.

दावत-ए-इस्लामी के खिलाफ जमकर विरोध करने पर सुर्खियों में आए पीलीभीत के शहर काजी मौलाना जरताफ रजा हस्मती ने दावत-ए-इस्लामी को एक आतंकवादी तंजीम बताया है. उन्होंने कहा दावत-ए- इस्लामी का नाम तो उदयपुर में कन्हैया कुमार की हत्या के बाद सामने आया है, लेकिन उनकी दरगाह हमेशा से ही दावत-ए- इस्लामी संगठन का विरोध करती आई है. साथ ही इनके कामों के बारे में प्रशासन को भी बताया, लेकिन प्रशासन ने कोई संज्ञान नहीं लिया. शहर काजी जरताब रजा ने अपनी मस्जिद और मजारों पर बड़े-बड़े बैनर लगा दिए हैं, जिस पर लिखा है दावत-ए- इस्लामी एक पाकिस्तानी संगठन है. इससे जुड़े लोग हमारी मस्जिद मजारों में ना आए.

शहर काजी ने कहा दावत-ए- इस्लामी का ऑपरेशन कराची पाकिस्तान से होता है, जिसमें बड़े पैमाने स्कूल खोले जा रहे हैं. जिसमें दी जा रही शिक्षा भी सवालों के घेरे में है. शहर मुफ़्ती ने कहा कि पाकिस्तान परस्त तंजीम भारत मे पैर फैला रही है. उन्होंने यह भी प्रश्न उठाया कि विश्व हिंदू परिषद या आरआरएस का कोई दफ्तर क्या पाकिस्तान में खुल सकता है. उनका कहना है कि पूरे जिले से चंदा लिया जा रहा है, यह कहां जा रहा है, किसे मिल रहे है. इसको लेकर भी उन्होंने प्रशासन से सवाल किए. फिलहाल मस्जिद और मदरसों के बाहर लगे पोस्टर जमकर वायरल हो रहे हैं.

बता दें कि उदयपुर में टेलर कन्हैयालाल हत्याकांड के आरोपियों से शुरुआती पूछताछ में दावत-ए-इस्लाम कराची संगठन से कनेक्शन निकला है. दावत-ए-इस्लामी हिन्द ने पाकिस्तान के संगठन से किसी भी तरह के संबंध को नकारा है. दावत-ए-इस्लामी कई देशों में फैला है और बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग इससे जुड़े हैं. दावत-ए-इस्लामी इंडिया सोशल मीडिया के हर प्लेटफॉर्म पर मौजूद है. चाहे फेसबुक, ट्विटर हो या इंस्टाग्राम.

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