चंडीगढ़ : आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा को राज्य की अंतरम सलाहकार समिति का अध्यक्ष नियुक्ति किया गया है। हालांकि भगवंत मान सरकार के इस फैसले पर रार छिड़ गई है। मंगलवार को इस फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में एक पीआईएल फाइल की गई। इस नियुक्ति को चुनौती देने की 20 वजहें बताते हुए वकील जगमोहन सिंह भट्टी ने कोर्ट में फाइल याचिका में कहा कि यह राज्य और केंद्र दोनों के कानूनों का उल्लंघन है। भट्टी ने कहा कि चड्ढा को पंजाब से राज्य सभा भेजना भी असंवैधानिक था क्योंकि वह राज्य की विधानसभा के सदस्य नहीं थे। उन्होंने कहा कि इस तरह ऐड हॉक बेसिस पर बहुत सारे लोग सलाह देने वाले हो सकते हैं। पंजाब सरकार के मामलों में दखल बढ़ सकती है। सरकार के अंदर एक और समानांतर सरकार नहीं चल सकती।
उन्होंने कहा, इसका मतलब यह हुआ कि मुख्यमंत्री केवल देखने के लिए हैं और वह अस्थायी हैं। उन्हें जनहित के लिए भी किसी और की सलाह की जरूरत है जो कि विधानसभा का सदस्य भी नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार में जो मंत्री हैं सबको शपथ लेनी पड़ती है लेकिन चड्ढा ने कोई शपथ भी नहीं ली है। बता दें कि विपक्षी दल भी आम आदमी पार्टी सरकार के इस फैसले को लेकर उसे घेर रहे हैं और नियुक्ति का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि राघव चड्ढा को सुपर सीएम बना दिया गया है। कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल सुपर सीएम, राघव चड्ढा वर्किंग सीएम हैं और भगवंत मान सिर्फ शोपीस सीएम हैं। वहीं भाजपा महासचिव तरुण चुघ ने कहा कि यह पंजाब के इतिहास में काला दिन है। उन्होंने कहा कि भगवंत मान ने राज्य चलाने की सारी शक्तियां एक असंवैधानिक प्राधिकरण को दे दी हैं।