नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) से आ रही एक बड़ी खबर के अनुसार, यहां के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों के तबादले के भारी विवाद पर अब राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा एक्शन लेते हुए अन इस मामले में अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी और संजय भूसरेड्डी से एक रिपोर्ट तलब की है। इतना ही नहीं यह रिपोर्ट दो दिन के अंदर मांगी गई है। दरअसल इन तबादलों पर डिप्टी CM और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने बड़े सवाल उठाए थे।
दरअसल, जानकारी के अनुसर, डिप्टी CM और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक की जानकारी के बिना डॉक्टरों के एक तबादले का आदेश जारी कर दिया गया था। कहा जा रहा है कि अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने इन तबादलों की लिस्ट जारी करवा दी थी। वहीं डॉक्टरों के तबादले की वजह से कई जिलों के अस्पताल में अब डॉक्टरों की किल्लत शुरू हो गई है।
मामले पर उन्होंने अतिरिक्त मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद को चिट्ठी में लिखा कि, “मेरी जानकारी में आया है कि मौजूदा सत्र में जो भी तबादला हुआ है, उसमें तबादला नीति का पूरी तरह पालन नहीं किया गया है। इस प्रकार, उन सभी का पूरा विवरण प्रदान करें, जिनका स्थानांतरण उनके स्थानांतरण के कारणों के साथ किया गया है।”
इतना ही नहीं डिप्टी CM ब्रजेश पाठक ने आगे कहा कि, “मुझे बताया गया है कि लखनऊ समेत जिन जिलों में बड़े अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की जरूरत है, वहां उनका तबादला कर दिया गया है, लेकिन उनके स्थान पर कोई विकल्प नियुक्त नहीं किया गया है। लखनऊ राज्य की राजधानी है, जहां पहले से ही विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी है और गंभीर हालत में मरीजों को बेहतर इलाज के लिए दूसरे जिलों से भी लखनऊ रेफर किया जाता है।’
बता दें कि, इसके पहले अलीगंज स्थित राज्य स्वास्थ्य संस्थान में तैनात 14 डॉक्टरों के मामले को भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गंभीरता से लिया है। मामले पर मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव ने इस मामले में स्वास्थ्य विभाग से पूरी आख्या भी मांगी थी।